भारत में हजारों की संख्या में शहर है, जहां लाखों लोग रहते हैं। अक्सर गांव से लोग कमाने जाने के बाद शहर में बस जाते हैं। धीरे-धारे शहरों की ओर पलायन कर रहे लोगों का लाइफस्टाइल भी बदल चुका है। वहीं, नई पीढ़ी के युवा वर्गों में गांव को करीब से जानने की रुचि बढ़ रही है। बता दें कि यहां के हर एक शहर और गांव का अपना अलग-अलग महत्व होता है। आजकल लोग शहर घूमने के साथ-साथ भारत के गांव भी घूमने के लिए पहुंच रहे हैं। साथ ही यहां की परंपरा और संस्कृति को जानने की चाह रखते हैं।
पहले की अपेक्षा अब गांव में काफी कुछ बदल रहा है। पहले उतनी ज्यादा सुविधाएं नहीं थी, लेकिन आजकल गांव के लोग भी हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

6 लाख से ज्यादा गांव
ऐसे में आज हम भारत के उन गांवों से रूबरू करवाएंगे, जिसका नाम कोई नहीं लेना चाहता। यदि आप उसका नाम सुनते हैं, तो आपका दिमाग चकरा जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 6 लाख से ज्यादा गांव है। जिनमें सबसे ज्यादा गांव उत्तर प्रदेश राज्य में मौजूद है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 70% आबादी गांव में ही रहती है।
हर कोई नहीं लेना चाहता नाम
देश के कुछ गांव ऐसे हैं, जिनका नाम काफी अजीबोगरीब है। हर कोई इन गांव का नाम लेने से पहले कतराता है। वह जल्दी अपने गांव का नाम नहीं लेता। इनमें उत्तर प्रदेश का दो गांव शामिल है। जिसका नाम पालिया और पनौती है। इसके अलावा, झारखंड का एक गांव ऐसा है, जिसका नाम चुटिया है। अब ऐसे नामों को लोग लेने से कतराते हैं। गांव में रहने वाले जल्दी इसका नाम नहीं लेते हैं।