भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेरी वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट( TERI world sustainable summit ) को संबोधित किया । बता दें कि यह विश्व सतत विकास सम्मेलन का 21 वा संस्कृत रहा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जलवायु से जुड़े कई कार्यों की चर्चा की, उन्होंने pm-kusum योजना के तहत हुए लाभ की भी चर्चा की।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सतत विकास का केंद्र गुजरात होता था और अब पूरा राष्ट्र है। पीएम मोदी ने कहा कि , “गरीबों को समान ऊर्जा पहुंच पर्यावरण नीति की आधारशिला रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से, 90 मिलियन से अधिक परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच प्रदान की गई है। पीएम-कुसुम योजना के तहत हमने अक्षय ऊर्जा को किसानों तक पहुंचाया है।” के साथ उन्होंने भारत में उन 49 रामसर साइट्स होने पर भी खुशी व्यक्त की । उनके मुताबिक़ सफल जलवायु कार्यों के लिए भी पर्याप्त फाइनेंसिंग की जरूरत है। इसके लिए विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना जरूरी हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों की ऊर्जा आवश्यकता अगले 20 वर्षों में लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है। इस ऊर्जा को नकारना स्वयं लाखों लोगों को जीवन से वंचित करना जरूरी है । उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से हमारा उद्देश्य है: “एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड।” प्रधानंत्री ने जीवन को पर्यावरण के लिए जीवन शैली बताया । जीवन पृथ्वी को बेहतर बनाने के लिए जीवन शैली विकल्प बनाने के बारे में है। LIFE दुनिया का एक गठबंधन होगा जो स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देगा। जिसके लिए उन्होंने कहा , “मैं उन्हें 3पी कहता हूं – प्रो प्लैनेट पीपल ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतवासी हमेशा से प्रकृति के साथ अच्छे से रहते आए हैं। हमारी संस्कृति और हमारे धर्म , हमारे सभी त्योहार इंसानों और प्रकृति के बीच के संबंध को दर्शाते है । उन्होंने reduce , re-use , recycle , recover , redesign , और remanufacture कि भी सलाह दी ।