Trade Secret Act: लेकिन अब यह कवच कंपनियों को मिलने वाला है। दरअसल विधि आयोग ने 289वीं रिपोर्ट के माध्यम से सरकार को ट्रेड सीक्रेट और आर्थिक गुप्तचरी के लिए नए कानून के मसौदे को सौंपा है, जिसमें इन गोपनीयता सूचनाओं की सुरक्षा के प्रति कानूनी कवच का विवरण है। इस मसौदे में ट्रेड सीक्रेट को संरक्षित रखने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार हैं, जिन्हें बेचा या लाइसेंस दिया जा सकता है। इसमें यह भी मिलता है कि कर्मचारियों को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जाने पर किसी प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ट्रेड सीक्रेट को सुरक्षित रखने के लिए होगा यह कानून:
विधि आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक गुप्तचरी के मामलों को अलग कानूनी कवच के तहत निपटने की आवश्यकता है, ताकि ये गुप्तचरी जानकारियां सुरक्षित रह सकें। नए कानून के अनुसार, ट्रेड सीक्रेट को सुरक्षित रखने के लिए सार्वजनिक रूप से स्वीकृत किए गए प्रक्रियाओं और प्रतिबंधों की चर्चा की गई है। इससे विदेशी कंपनियों को भी भारत में आत्मनिर्भरता की सुरक्षा मिलेगी और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़त मिलेगी। दरअसल अभी तक भारत में ऐसा कानून नहीं बना है।
विदेशी निवेशकों को भी देश में मिलेगा कानून:
आयोग ने ट्रेड सीक्रेट एक्ट और आर्थिक गुप्तचरी के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए हैं। यह कानून व्यापक रूप से गोपनीय सूचना को सुरक्षित रखने का संबंध स्थापित करेगा और विचार-विमर्श से गुजरकर सरकार को इसमें सुधार करने का अवसर भी मिलेगा। यह कानूनी कदम भारत को अन्य विकसित देशों की तरह विश्वव्यापी व्यापार और निवेश में आत्मनिर्भरता प्रदान करेगा और विदेशी निवेशकों को भी देश में आत्मविश्वास बढ़ाएगा।
इस मसौदे के अंतर्गत बनाए गए प्रावधानों का पालन करने से भारत सामरिक और औद्योगिक स्तर पर आगे बढ़ सकता है और नए उद्यमियों को भी सुरक्षित माहौल में काम करने का संजीवनी दे सकता है। इस समय जब दुनिया भर में व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र में बदलाव हो रहा है, यह कदम भारत को आत्मनिर्भर और अनुप्रयोगी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।