कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर! जल्द महंगाई भत्ते में वृद्धि संभव, पेंशन-लंबित वेतन पर भी नया अपडेट

खबर है कि सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता देने पर मंथन शुरू कर दिया है, इसके लिए सरकारी कोष पर पड़ने वाले बोझ का वित्त विभाग आकलन कर रहा है

Pooja Khodani
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Dearness allowance

HP Employees DA/Pension : हिमाचल प्रदेश के 2.50 लाख सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 1 अक्टूबर को सैलरी जारी करने के बाद अब संभावना जताई जा रही है दिवाली से पहले राज्य की सुखविंदर सिंह सुख्खू सरकार अपने कर्मचारियों के लिए डीए की घोषणा कर सकती है। राज्य सरकार दिवाली से पहले महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की वृद्धि का ऐलान कर सकती है।इस संबंध में अंतिम निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ही होना है।

दरअसल, प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को जनवरी 2023 से डीए का भुगतान किया जाना है ।इसमें जनवरी 2023, जुलाई 2023 व जनवरी, 2024 की तीन किश्तों का चार-चार प्रतिशत डीए लंबित है। इस देरी के चलते  कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।संभावना है कि सरकार  दिवाली पर कर्मचारियों व पेंशनरों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है, हालांकि इसके लिए सरकार को 600 करोड़ रुपये का प्रबंधन करना होगा।  इधर, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री से डीए जारी करने की मांग की है।

पेंशनरों को 9 अक्टूबर को मिलेगी पेंशन

1 अक्टूबर को 2.50 लाख कर्मचारियों को सैलरी जारी कर दी गई है और अब 1.50 लाख पेंशनरों अगले हफ्ते पेंशन का भुगतान किया जाएगा। 9 अक्तूबर को पेंशनरों को पेंशन और 75 साल से अधिक उम्र के पेंशनरों को बचे एरियर का 50 फीसदी बकाया की राशि खातों में भेजेगी।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वेतन संशोधन बकाया पर अपडेट

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सरकार से अपने कर्मचारियों को शेष वेतन संशोधन बकाया जारी करने की मंजूरी मांगी है।वेतनमानों के संशोधन के बाद 1 जनवरी 2016 से बोर्ड कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की गई थी, कुल वेतन संशोधन बकाया की गणना लगभग 4.76 करोड़ रुपये की गई है, जबकि 80.65 लाख रुपये की प्रारंभिक किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है, शेष 3.96 करोड़ का भुगतान बाकी है। बोर्ड ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वह सेवानिवृत्त और प्रतिनियुक्ति कर्मचारियों सहित बोर्ड कर्मचारियों को शेष वेतन संशोधन बकाया जारी करने की मंजूरी के लिए वित्त विभाग के साथ चर्चा करें।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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