Haryana Contract Employees: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की नायब सैनी सरकार हर वर्ग को साधने में जुटी है।एक तरफ अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है, वही दूसरी तरफ शहरी निकायों के पार्षदों व अन्य प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी है। स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने मंगलवार को बैठक बुलाई गई है,जिसमें अंतिम निर्णय लेकर सीएम को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। संभावना है कि अगले हफ्ते सीएम निकाय प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान कर सकते है।
शनिवार को हो चुकी है कमेटी की पहली बैठक
दरअसल, शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी की पहली बैठक चंडीगढ़ में आयोजित की गई थी, जिसमें निकाय प्रतिनिधियों ने अपनी मांग रखी और संबंधित विभागीय अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिए।इसके बाद कमेटी ने मंथन शुरू कर दिया है। अब स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने मंगलवार को दोबारा बैठक बुलाई गई है, संभावना है कि चंडीगढ़ में होने वाली इस मीटिंग में शहरी निकाय पार्षदों का मानदेय बढ़ाने का फाइनल फैसला लिया जाएगा।
मंगलवार को अहम बैठक, हो सकता है बड़ा फैसला
बीते दिनों मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हिसार में आयोजित राज्य स्तरीय शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के सम्मेलन में प्रदेशभर से आये जन प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कई घोषणा की थी, लेकिन मानदेय वृद्धि पर कोई फैसला नहीं हुआ तो पार्षदों ने हंगामा कर दिया था, इसके बाद कमेटी गठित की गई, जिसकी पहली बैठक हो चुकी है और दूसरी मंगलवार को होगी, इसके बाद मानदेय बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा। हांलाकि पूर्व सीएम मनोहर लाल ने पिछले साल निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की थी, ऐसे में वित्त विभाग ने दोबारा मानदेय वृद्धि ना करने का सुझाव दिया था।
पिछले साल बढ़ाया गया था इतना मानदेय
शनिवार को हुई बैठक में नगर निगम के पार्षदों, मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, तथा डिप्टी मेयर के अलावा नगर परिषद व नगर पालिका प्रतिनिधियों का वेतन बढ़ाने पर मंथन किया गया है।बैठक में बताया कि पिछले साल सरकार ने मेयर का मानदेय 20,500 से 30000 रु ,सीनियर डिप्टी मेयर का मानदेय 16,500 से 25,000 रु, डिप्टी मेयर का मानदेय 13000 से 20000 रु, पार्षदों का मानदेय 10,500 से 15000 रुपये , परिषद अध्यक्ष का मानदेय 10,500 से 18000 रुपये, उपाध्यक्ष का मानदेय 7,500 से 12000 रुपये, पार्षदों का मानदेय 7,500 से 12000 रुपये किया जा चुका है।