कर्मचारियों अधिकरियों के लिए बड़ी खबर, आज ही पूरा कर लें ये काम, अटक सकती है सितंबर महीने की सैलरी

मानव संपदा पोर्टल पर सोमवार को भी जानकारी न देने वाले कार्मिकों को सितंबर का वेतन नहीं मिलेगा। ऐसे सभी राज्यकर्मियों को तभी वेतन मिलेगा जब वे अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर दे देंगे।

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UP Employees News: उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए आज आखिरी मौका है। अगर 30 सितंबर तक चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया तो सितंबर की सैलरी अटक सकती है, क्योंकि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ब्योरा ना देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए है। कर्मचारियों का ब्योरा अपलोड ना होने पर संबंधित डीडीओ का वेतन भी रोका जाएगा।

दरअसल, सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के सभी श्रेणियों के 8,36,571 राज्यकर्मियों को चल-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा 30 सितंहर 2024 तक मानव संपदा पोर्टल पर देना अनिवार्य किया है, लेकिन अभी तक केवल लगभग 94 प्रतिशत यानी 7,83,901  राज्यकर्मियों ने ही अपना ब्योरा पोर्टल पर दे दिया है, शेष तकरीबन 52 हजार राज्यकर्मियों ने अब तक अपनी संपत्ति के बारे में नहीं बताया है, ऐसे में अब सरकार ने इनका सितंबर का वेतन रोकने का फैसला किया है।

संपत्ति का ब्यौरा नहीं तो सितंबर का वेतन भी नहीं

राज्य सरकार ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए है कि मानव संपदा पोर्टल पर 30 सितंबर तक संपत्ति की घोषणा करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को ही सितंबर महीने का वेतन दिया जाए, जो जानकारी अपलोड नहीं करते है उनका वेतन रोका जाए। तय तारीख के अनुसार, आज डाटा अपलोड करने का आखिरी दिन है, अगर ये 52 हजार कर्मचारी आज शाम तक डाटा अपलोड नहीं करते है, उन कार्मिकों को सितंबर का वेतन नहीं मिलेगा।अब सभी इन कर्मियों को तभी वेतन मिलेगा जब वे अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर दे देंगे।

कोई परेशानी हो तो नोडल अधिकारी से करें संपर्क

सभी कर्मियों की संपत्ति का ब्योरा निर्धारित अवधि में पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाए। किसी कर्मचारी ने ब्यौरा दे दिया है लेकिन पोर्टल पर यह प्रदर्शित नहीं हो रहा है तो संबंधित नोडल अधिकारी एनआईसी से संपर्क कर समाधान निकालें। जिन कार्मिकों को संपत्ति का विवरण पोर्टल पर दर्ज करने से छूट दी गई है, इस छूट की सूचना भी पोर्टल पर उपलब्ध रहनी चाहिए।मुख्य सचिव के ओर से जिन्होंने अपना ब्यौरा नहीं दिया है उनके वेतन रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं। कार्मिकों के साथ ही संबंधित डीडीओ भी वेतन नहीं ले सकेगा।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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