UPI Payment Charge: फिनटेक कंपनियों और सरकार के बीच हो रहा टकराव? क्या इससे यूपीआई पेमेंट पर लगने लगेगा अब चार्ज?

UPI Payment Charge: भारत में यूपीआई पेमेंट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है, और यह उपयोगकर्ताओं के लिए फ्री सुविधा भी है। लेकिन अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या यह बदलने जा रहा है? चलिए जानते हैं कि इस पर सरकार और फिनटेक कंपनियों के बीच क्यों बढ़ रहा है टकराव।

Rishabh Namdev
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UPI Payment Charge: क्या आप जब भी किसी शॉप पर जाते है तो पेमेंट के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते है क्या? दरअसल यह छोटी सी बात है की जब भी हम शॉप पर जाते है और हमारे पास कैश उपलब्ध नहीं होता है तो हम यूपीआई सर्विस का इस्तेमाल करते है और पेमेंट करते है। दरअसल यूपीआई से पेमेंट करना बहुत आसान है और कोविड महामारी के बाद ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग बढ़ा है। लेकिन अब जल्द ही यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाया जा सकता है। यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाने की संभावना के कारण, फिनटेक कंपनियों को दबाव महसूस हो रहा है।

फिनटेक कंपनियों की चिंता:

दरअसल पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगी पाबंदी के बाद, फोनपे (PhonePe) और गूगलपे (Google Pay) जैसी फिनटेक कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। फिलहाल, सरकार ने चार्ज लेने की योजना को खारिज कर दिया है, लेकिन फिनटेक कंपनियां अपने नुकसान का हवाला देती रही हैं। ऐसे यह सवाल खड़ा हो रहा है की क्या आगे चलकर इन पेमेंट्स बैंक पर चार्ज वसूला जाएगा?

फिनटेक कंपनियों ने किस विषय को लेकर जताई चिंता?

दरअसल एक अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, कई फिनटेक कंपनियों ने सरकार से यूपीआई में रेवेन्यू की कमी को लेकर चिंता जाहिर की है। दरअसल इन कंपनियों का कहना है कि लंबे समय से इस मार्केट में स्थापित रहने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के साथ क्रेडिट कार्ड जैसे सिस्टम की भी जरूरत है।

निर्देशिका NPCI का स्टैंड क्या?

दरअसल कुछ फिनटेक कंपनियों ने NPCI के साथ प्रीपेड पेमेंट डिवाइस से होने वाले यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन अब तक सरकार का स्पष्ट स्टैंड दिखाई दे रहा है कि यूपीआई पेमेंट पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं इस मामले में NPCI ने कोई भी बयान नहीं दिया है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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