नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 5 साल की लंबी प्रतिक्षा के बाद गोल्ड मेडल के अकाल को साक्षी मलिक ने शुक्रवार को UWW रैंकिंग सीरीज में गोल्ड मेडल जीतकर दूर कर दिया है। इससे पहले रियो ओलंपिक में इन्होंने ब्रोंज मेडल को कब्जे में किया था। भारत की ओर से गोल्ड जीतने वाली साक्षी ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 5 साल बाद सुनहरा झंडा लहराया है। हालांकि साक्षी से पहले भारत की मानसी और दिव्या काकरान ने भी पोडियम फिनिश में शीर्ष स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल जीता हुआ है, लेकिन यह जीत महत्व इसलिए रखती है, क्योंकि इसके लिए 5 साल का इंतजार लगा है।
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साक्षी इस जीत को इसलिए खास बताती है, क्योंकि कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल तक वो अपनी परफॉर्मेंस को लेकर संघर्ष कर रही थी। 62 किलोग्राम वर्ग में युवा सोनम मलिक लगातार उनसे जीत रही थी। टोक्यो ओलंपिक में भी क्वालीफाई करने से साक्षी चूक गई थी, जो उनके करियर को समाप्त कर सकता था। लेकिन इस सीरीज में साक्षी मलिक आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही थी।
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साक्षी मलिक ने कजाकिस्तान की इरिना कुजनेत्सोवा को अपने तकनीकी कौशल से परस्त कर जीत की नई शुरुआत की, फिर इसके बाद उज्बेकिस्तान की रुशाना अब्दिरासुलोवा पर 9-3 से शिकस्त देने के बाद, मंगोलिया की पहलवान को बाहर कर साक्षी ने फाइनल में एंट्री की। जहां साक्षी ने कुजनेत्सोवा को 7-4 से हरा कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 5 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत की महिला रेसलर साक्षी मलिक का यह गोल्ड जीतना काफी मायने रखता है।