main duties of the Chief Secretary: चीफ सेक्रेटरी जिसे हम आमतौर पर मुख्य सचिव कहते है। यह दरअसल पूरे राज्य का प्रशासनिक प्रमुख होता है। हालांकि प्रोटोकॉल में भले ही मंत्री या फिर विधायक चीफ सेक्रेटरी से उपर होते हो लेकिन संविधान में मिले अधिकारों की बात की जाए तो अधिकार और प्रभाव में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर चीफ सेक्रेटरी ही आते हैं।
चीफ सेक्रेटरी के क्या होते हैं मुख्य काम?
दरअसल, चीफ सेक्रेटरी के मुख्य काम की बात की जाए तो चीफ सेक्रेटरी का पद और बड़ा हो जाता है। आपको बता दें सरकार की सारी महत्वपूर्ण फाइलें बिना मुख्य सविच के स्वीकृति के आगे नहीं बढ़ती। किसी भी फाइल को आगे भेजने के लिए चीफ सेक्रेटरी की मंजूरी मिलना जरूरी होती है। दरअसल जब भी राज्य की सरकार नीतियां बनाती हैं तो संविधान में दिए गए अधिकार के चलते कार्यपालिका के प्रमुख होने के कारण चीफ सेक्रेटरी ही उसका क्रियान्वयन कराते हैं। दरअसल चीफ सेक्रेटरी के पास कई सारे विभागों में सेक्रेटरी की एक टीम होती है, उनका काम विभागों के दायित्वों को संभालने का होता है। लेकिन मुख्य सचिव समय-समय पर विभागों के कामकाज की समीक्षा भी करते हैं।
क्या रहती हैं जिमेमदारियां?
दरअसल जिम्मेदारियों की बात की जाए तो चीफ सेक्रेटरी ही कलेक्टरों की भी निगरानी करते हैं, और देखते है कि उनके जिलों में योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं। जानकारी के मुताबिक मुख्य सचिव सरकार की सारी बड़ी कमेटियों में शमिल होते हैं। इतना ही नहीं चीफ सेक्रेटरी ही आईएएस, आईपीएस ओर आईएफएस के प्रमोशन कमेटी के हेड भी होते हैं। साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री के सभी अधिकारिक बैठकों में चीफ सेक्रेटरी मौजूद होते हैं।
कितनी होती है तनख्वा?
आपको बता दें चीफ सेक्रेटरी की सैलरी अलग अलग राज्य के नियमानुसार निर्धारित की जाती है और यह सभी राज्यों में अलग अलग हो सकती है। जैसे मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी की बात की जाए तो यहां उनकी सैलरी तकरीबन ₹255,000 के आसपास होती है। ऐसे ही विभिन्न राज्यों में उनकी जिम्मेदारियों के हिसाब से उन्हें सैलरी दी जाती है।