जब बोले शिवराज अपन रिजेक्टेड नहीं हैं, युवाओं से राजनीति में आने का किया आह्वान, बोले- आप अनंत शक्तियों के भंडार

Shivraj Singh Chouhan, Indian Student Parliament Pune

Shivraj Singh Chouhan Student Parliament Pune : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज पुणे में छात्र संसद में पहुंचे, भारतीय छात्र संसद के 13 वे संस्करण को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम शिवराज ने युवाओं में जोश भरा उन्हें राजनीति में आने का आह्वान किया, उन्होंने कहा कि लोग मुझे फॉर्मर चीफ मिनिस्टर कहते हैं लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं, उन्होंने कहा कि अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है। जहां जाते है वहां लोग कहते है मामा मामा मामा, जनता का स्नेह और प्यार यही अपनी असली दौलत है।

विवेकानंद जयंती पर आयोजित भारतीय छात्र संसद को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह स्वामी विवेकानंद के कहे वाक्यों को दोहराते हुए कहा कि स्वामी जी ने हमेशा दूसरों के कल्याण, विश्व के कल्याण की राह दिखाई और आज भारत उसी रास्ते पर चल रहा है , उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में क्यों आया आज आपको बताता हूँ , मैंने स्वामी विवेकानंद को पढ़ा और उनके कुछ वाक्य  मेरे मन में आज भी गूंजते हैं और मैं उसपर चलने की कोशिश करता हूँ

उन्होंने अपने राजनीति में प्रवेश से लेकर अब तक के सफ़र की कई बातें सामने रखीं, शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा था कि मध्य प्रदेश में भाजपा नहीं जीतेगी। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि क्लीन स्वीप करेंगे। मेरी पार्टी के कुछ नेता भी मुझसे कहते थे, मुश्किल है, नहीं हो पाएगा। लेकिन मैंने तय किया कि किसी भी कीमत पर मैं पार्टी को जिताऊंगा, कोई ताकत मुझे जीतने से नहीं रोक सकती। एक संकल्प पैदा हुआ और उसके अनुरूप काम किया। जब परिणाम आए, तब कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। सबसे ज़्यादा वोट आए और सबसे शानदार सीटें आईं।

छात्र संसद में बोले शिवराज, अपन रिजेक्टेड नहीं हैं  

उन्होंने कहा कि अब मुझे लोग फॉर्मर चीफ मिनिस्टर कहते हैं, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। कई बार आदमी कुर्सी तब छोड़ते हैं जब जनता नकार दे, लोग गली देने लगें, बहुत दिन हो गए यही बैठा हुआ है, लेकिन अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है। जहां जाते है वहां लोग कहते है मामा मामा मामा, जनता का स्नेह और प्यार यही अपनी असली दौलत है। स्वाभाविक रूप से लोगों के लिए जीना है। देश, प्रदेश और समाज के लिए कुछ बड़ा काम करना है।

युवाओं को शिवराज का मोटिवेशन- आपमें अनंत शक्तियों का भंडार है 

शिवराज ने आगे कहा कि छोड़ दिया इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करुंगा। अभी भी करूँगा, मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं है, राजनीति केवल बड़े पदों के लिए नहीं होती बड़े लक्ष्य के लिए है। इसीलिए आपको आह्वान करने आया हूँ । राजनीति में आने से डरो मत आगे बढ़ो, आओ अगर तुम नहीं आओगे तो कौन आएगा, बेईमान? अगर हम बेईमान नहीं है, हम अच्छे हैं, हम ईमानदार हैं, हम कर्मठ हैं, हम चरित्रवान हैं, हम देशभक्त हैं, हम राजनीति छोड़ दें तो क्या केवल चोरी करने वालों के लिए राजनीति सौप दें। क्या उनके जिम्मे सारे राजनीतिक अधिकार सौंपे जाएंगे, इसलिए मैं कह रहा हूं लीड करो लीड, तुम कर सकते हो क्योंकि तुम अनंत शक्तियों के भंडार हो।

युवाओं से शिवराज का आह्वान- राजनीति में आकार देश सेवा करो 

उन्होंने युवाओं से कहा कि राजनीति में आना चाहिए मैं यहाँ जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ कई बार लोग सोचते हैं कि हम क्या करेंगे राजनीति में आकर, ये तो बेकार काम है,लेकिन ये मानसिकता सभी के लिए ठीक नहीं है। क्या राजनीति में धन का प्रभाव खत्म करने के लिए तुम काम नहीं करोगे? क्या राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से चलेगी, अगर 35-40 करोड़ रुपए एमएलए बनने के लिए खर्चा करोगे तो देश की सेवा करेंगे, प्रदेश की सेवा करेंगे, राजनीति से धन के प्रभाव को समाप्त करना होगा।

आप अगर ऊपर जाते हैं और आवाज देते हैं तो वह सारी दुनिया को सुनाई देती है 

शिवराज ने सामूहिक प्रयास का उदाहरण देते हुए कहा कि आप सोचो इंडिविजुअल रहकर काम करना चाहो तो अकेले रहकर कितना काम कर सकते हो? मैं शिवराज अकेला करता तो अपनी पत्नी के साथ 5 बेटियों की शादी करता, 50 बेटियों की शादी करता लेकिन मैं राजनीति में आया MLA बना MP बना और मुख्यमंत्री बना तो लाखों मास मैरिज हर साल होती हैं। आप अगर ऊपर जाते हैं और आवाज देते हैं तो वह सारी दुनिया को सुनाई देती है।

मैं केवल फॉर्म भरने जाता हूँ और जीत जाता हूँ , ईमानदारी से काम करोगे तो प्यार मिलेगा 

उन्होंने अपने चुनाव जीतने की वजह बताते हुए कहा कि मैं अहंकार की बातें नहीं बोल रहा, मैं लड़ता हूँ एक क्षेत्र से, अब तक मैं 11-12 चुनाव लड़ा हूं एक मुझे लड़ाया था पार्टी ने दिग्विजय सिंह जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उनके खिलाफ तो वहां भी लड़ने पहुंच गया था, लेकिन एक ही क्षेत्र से 11 बार जीता हूं और आज कोई मेरे क्षेत्र में जाकर देख लेना सरेआम मीडिया के सामने कह रहा हूं, मैं चुनाव में प्रचार करने नहीं जाता, एक दिन पहले फॉर्म भरने निकलता हूं तो गांव की जनता आती है मुझे थैली भेंट करती है जिसमें पैसे और सूची होती है रामलाल के 100 रुपए, श्यामलाल के 200 रुपए और उस पैसे से चुनाव लड़ते हैं, ये भी होता है, ईमानदारी से काम करो जनता साथ देगी ।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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