नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। मंगलवार को शरद पवार के घर में हुई बैठक के दौरान यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति के पद के प्रत्याशी के रूप में चुना गया। बता दें की 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है, जिसके लिए राजनीति में काफी हल-चल है। कई अटकलों के बाद विपक्षी दल ने यशवंत सिन्हा के नाम पर अपनी सहमति दे दी। शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव से इन्कार करने के बाद यशवंत सिन्हा का नाम हाल ही में सुर्खियों में आया है। उन्होनें तृणमूल पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया है। यशवंत सिन्हा का राजनीतिक जीवन काफी लंबा है, वो केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्यरत हो चुके हैं। आइए इनके बारे में।
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आईएएस की नौकरी छोड़ ली थी राजनीति में एंट्री
बिहार की राजधानी पटना में 6 नवंबर 1937 को यशवंत सिन्हा का जन्म हुआ था। उन्होंने राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट किया और पटना यूनिवर्सिटी में अध्यापन करने लगे। 1960 में आयोजित हुई सिविल सर्विस परीक्षा में उन्होनें 12वां रैंक हासिल किया और आईएएस अधिकारी बने। इस दौरान उन्होंने डिवीजनल मएजिस्ट्रेट से लेकर केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के सचिव तक का काम किया। फिर 1984 में इस्तीफा देकर अपने राजनीति सफर की शुरुवात जनता पार्टी के साथ की।