छतरपुर टीआई केके खनेजा पर लगे गंभीर आरोप, एसपी से हुई शिकायत

Gaurav Sharma
Published on -

छतरपुर, संजय अवस्थी। छतरपुर कोतवाली एवं नौगांव में टीआई रह चुके निरीक्षक केके खनेजा पर एक प्लॉट पर कब्जा करने के गंभीर आरोप लगाए गए है। बस स्टैंड पर रहने वाले रसूल खान पुत्र रफीक खान ने पुलिस अधीक्षक को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया कि, निरीक्षक केके खनेजा उससे निजी रंजिश रखते है। पहले भी कोतवाली टीआई रहते हुए दो तीन मामलों में फर्जी मुकदमा दर्ज करा चुके है और अब नारायणपुरा रोड पर स्थित उसके एक प्लॉट पर एक गुंडे से कब्जा करा दिया है।

रसूल खान ने इस शिकायत में कहा कि नारायणपुरा रोड छतरपुर में उसका एक निजी प्लॉट है, जो 35 और 50 फिट में निर्मित है। उक्त मकान पर टीआई केके खनेजा ने एक जेल में बंद गुंडे और पूर्व शूटर नजमी के भाई का कब्जा करा दिया है। यह पैत्रिक एवं क्रयशुदा मकान है, जिसे खाली कराने के लिए अब केके खनेजा द्वारा 12 लाख रुपए मांगे जा रहे है। रसूल ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2017 में भी केके खनेजा ने उसके विरुद्ध बलात्काल और 307 जैसे फर्जी मुकदमे दर्ज किए, जिन्हें कोर्ट ने नहीं माना।

उन्होंने कहा कि केके खनेजा निजी रंजिश रखते है और इसी रंजिश के तहत अब उन्होंने मेरे मकान पर गुंडे का कब्जा करा दिया है। रसूल ने एसपी सहित मुख्यमंत्री, आईजी और डीआईजी को भी शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। एसपी सचिन शर्मा बोले इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच एएसपी को सौंपी गई है। जिसमें जांच उपरांत ही कुछ कहा जा सकता है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News