मध्यप्रदेश में बेकाबू कोरोना, आज मिले 1694 कोरोना के नए मरीज

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona Infected patients) की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है, बीते 24 घंटों में 1,694 मरीज बढ़े हैं। वहीं अब तक 1,572 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 7,35,747 हो गई है।

55887 लोग कोरोना से हुए स्वास्थ्य

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटो में 24,166 सैंपलों की जांच की गई, जिसमे से 22,472 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और 1,694 लोग संक्रमित पाए गए है। वहीं 134 लोगों की रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया गया है। 1,238 लोग स्वास्थ्य हो कर वापस घर पहुंचे है। अब तक पूरे प्रदेश से कुल 55,887 लोग कोरोना से स्वास्थ्य हो चुके है। इसके साथ ही पिछले 24 घंटों में 29 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है, इसे मिला कर अब तक प्रदेश में कुल 1,572 लोगों कोरोना से अपनी जान गवां चुके है। वहीं प्रदेश में अब कुल 16,115 एक्टिव केस है। वहीं भोपाल में 197 नए मरीज आने से कुल मरीजों की संख्या 11 हजार 634 हो गई है। इसके साथ ग्वालियर में 134 और जबलपुर में 196 मरीज बढ़े हैं।

एक तरफ जहां मरीज बढ़ रहे हैं, वहीं मौत का आंकड़ा भी बढ़ते क्रम में है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बीमारी से ग्रस्त 29 मरीजों की बीते 24 घंटों में मौत हुई है। बीमारी से अब तक कुल 1,572 मौतें हो चुकी हैं। बीते 24 घंटों में 1,238 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वर्तमान में एक्टिव मरीजों की संख्या 16 हजार 115 है। वहीं अब तक स्वस्थ हो चुके मरीजों की संख्या 55 हजार 887 हो गई है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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