पुलिस और पत्रकार के बीच हुआ जमकर मुकाबला, पुलिस की टीम ने दी प्रेस को शिकस्त

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। शहर के नौगांव रोड स्थित पेप्टेक टाउन में विगत वर्ष की परंपरा के मुताबिक इस वर्ष भी पुलिस 11 एवं पत्रकार 11 के बीच फ्रेंडली क्रिकेट मैच की श्रंखला का शुभारंभ हुआ। इस सीरीज का पहला मुकाबला पुलिस टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन के बलबूते पर जीत लिया। पुलिस टीम की ओर से शतकीय पारी खेलने वाले हिनौता थाना प्रभारी अतुल दीक्षित मैन ऑफ द मैच रहे। मुकाबले को देखने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में रेंज डीआईजी विवेक राज सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा भी मैदान पर मौजूद रहे। उन्होंने दोनों ही टीमों की हौसला अफजाई करते हुए इस तरह के आयोजनों की जरूरत पर जोर दिया।

पुलिस और पत्रकार के बीच हुआ जमकर मुकाबला, पुलिस की टीम ने दी प्रेस को शिकस्त

मैच के मुख्य अतिथि डीआईजी विवेक रोज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि खेल आयोजन तनावपूर्ण परिस्थितियों के बीच हमें तरोताजा करने की भूमिका निभाते हैं। इस तरह के आयोजन से ऊर्जा और विचारों का विनिमय होता है। पुलिस और पत्रकार मूल रूप से समाज के लिए एक जैसे स्वरूप में ही कार्य करते हैं। दोनों टीमें इस तरह के आयोजनों से पास आती हैं और इसका फायदा समाज को मिलता है।

इसी तरह पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने कहा कि किसी भी मैच का उद्देश्य हार या जीत नहीं होना चाहिए बल्कि खेल का नतीजा हमें आत्मसुधार के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आज के नतीजे से खिलाडिय़ों को अपनी फिटनेस और परफॉर्मेंस को और अच्छा करने की प्रेरणा मिली होगी। दोनों अतिथियों ने मैदान पर ही मैन ऑफ द मैच रहे अतुल दीक्षित को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

इसी तरह प्रेस-11 की ओर से मुरसलीन खान को शानदार दो छक्कों के लिए समर्थकों की ओर से नगद राशि दी गई। मंच पर पेप्टेक ग्रुप के डायरेक्टर, नीरज चौरसिया, डीसीसीए के सचिव राजीव बिल्थरे, व्यवसायी रणछोर चौरसिया, पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल, राजू सरदार, नवीन चंदेरिया, रामबाबू सिंह परिहार, एएसपी समीर सौरभ सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

पुलिस और पत्रकार के बीच हुआ जमकर मुकाबला, पुलिस की टीम ने दी प्रेस को शिकस्त

पहले ही ओवर में गिरे दो विकेट फिर भी पुलिस टीम ने खड़ा कर दिया रनों का पहाड़

पेप्टेक टाउन के खूबसूरत मैदान में सुबह 9 बजे से एएसपी समीर सौरभ की अगुआई में पुलिस टीम और पेप्टेक मीडिया गु्रप के डायरेक्टर विनय चौरसिया की अगुआई में प्रेस-11 मैदान पर उतरी। दोनों कप्तानों के बीच डीआईजी और एसपी की उपस्थिति में टॉस कराया गया। टॉस जीतकर विनय चौरसिया ने पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया और पुलिस टीम बल्लेबाजी करने उतरी।

ओपनिंग जोड़ी के रूप में कप्तान समीर सौरभ और सीएसपी लोकेन्द्र सिंह मैदान पर उतरे लेकिन पहले ही ओवर में प्रेस-11 के घातक गेंदबाज रामेश्वर निरंजन ने सीएसपी को शून्य पर चलता कर दिया। उनके बाद उतरे डीएसपी पंकज मिश्रा भी बगैर खाता खोले आउट हो गए। पुलिस टीम पहले ही ओवर में दो विकेट गंवाकर दबाव में आती लेकिन एएसपी समीर सौरभ और अतुल दीक्षित ने पारी को संभाल लिया।

सब इंस्पेक्टर अतुल दीक्षित ने 14 छक्कों और 3 चौकों की मदद से 40 गेदों पर निजी 120 रन बनाकर अपनी टीम को 20 ओवरों में 263 के स्कोर पर पहुंचा दिया। उनके अलावा पुलिस टीम की ओर से राजेश कुर्मी ने 22, रूपेश ने 27 और डैथ ओवर में अवधेश राजपूत ने 17 गेंदों में 68 रन की कीमती पारी खेलकर एक बड़ा स्कोर बना दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी प्रेस-11 ने शुरुआती ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया।

भूपेन्द्र सिंह ने 16 गेंदों पर 30, रामेश्वर ने 7 गेंदों पर 16, अंकुर यादव ने 13 गेंदों पर 29 रनों की पारी का योगदान देकर उम्मीदें जगाईं लेकिन फिर विकटों का पतन शुरु हो गया। मध्यक्रम में दीपू जैन ने 7, हिमांशु अग्रवाल ने 12, अभिषेक सिंह सेंगर ने 16, कप्तान विनय चौरसिया ने 18 और मुरसलीन खान ने 20 रनों का योगदान दिया।

बल्लेबाजी के लिए अनीश खान, मनोज सोनी और सुनील उपाध्याय भी मैदान आए लेकिन तब तक ज्यादा ओवर नहीं बचे थे। कुलमिलकार पत्रकारों की टीम ने 20 ओवरों में लक्ष्य का पीछा करते हुए 170 रन बनाए और मुकाबले को गंवा दिया। आने वाले दिनों में इसी सीरीज के दो मुकाबले और खेले जाएंगे। तीनों मुकाबलों में से दो मैच जीतने वाली टीम सीरीज की विजेता बनेगी फिलहाल पुलिस 11 एक शून्य से आगे हो चुकी है। मैदान पर निर्णायक की भूमिका में राजीव चौधरी और अनिमेष द्विवेदी मौजूद रहे। कॉमेंट्री का जिम्मा अब्दुल जुनैद और धीरज चौबे ने निभाया। सुनील चौरसिया, वीरअली ने मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उठाई। कार्यक्रम का संचालन शिवेन्द्र शुक्ला ने किया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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