DGCA ने कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगे प्रतिबंध को बढ़ाया, 31 दिसंबर तक लगी रोक

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसे देखते हुए डीजीसीए (Director general civil aviation) ने भारत में कमर्शियल अंतर्राष्ट्रीय (Commercial International Passenger Flights) उड़ानों पर लगे प्रतिबंध को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। यह फैसला डीजीसीए ने कोरोना महामारी पर रोकथाम को लेकर किया है। डीजीसीए के इस फैसले के बाद भारत में 31 दिसंबर तक कोई भी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें ना ही इंडिया से बाहर जाएंगी और ना ही दूसरे देश से इंडिया आएंगी। इस दौरान कुछ चुनिंदा उड़ानों को ही पहले की तरह मंजूरी दी गई है।

इससे पहले इंटरनेशनल उड़ानों पर डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (Director general civil aviation) ने 30 नवंबर तक प्रतिबंध को बढ़ाए जाने का आदेश दिया था, जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। बता दें कि इस प्रतिबंध के दौरान ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत उड़ाने भरने वाली फ्लाइट्स पहले की तरह ही चलेगी।

इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट्स को मिली खास मंजूरी

DGCA ने अपनी खास मंजूरी देते हुए कहा कि यह प्रतिबंध इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट्स (International Cargo Flights) पर लागू नहीं रहेगा। वहीं उन्होंने कहा कि एजेंसी द्वारा चुने गए रूट पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स को लागू किया जा सकता है।

कमर्शियल अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत

कोरोना वायरस (Coronavirus) को देखते हुए भारत सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ चलाया था। जिसके तहत कमर्शियल अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत की गई। बता दें कि भारत में कोरोनावायरस को बढ़ता देख भारत सरकार ने 23 मार्च 2020 से कमर्शियल अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसे बाद में विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 25 मई से घरेलू उड़ानों के रूप में शुरू कर दिया गया। जिसे लेकर डीजीसीए ने कहा कि इस आदेश पर कोई असर नहीं होगा, ये पहले की भांति ही संचालित होगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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