Panna : किसान की किस्मत चमकी, मिला 60 लाख रुपए का हीरा

Gaurav Sharma
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पन्ना, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के पन्ना (Panna) जिले में किसानों (farmers) की किस्मत चमकने की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। एक बार फिर पन्ना (Panna) से एक खबर सामने आई है जहां 45 साल के किसान लखन यादव (Farmer Lakhan Yadav) को 10*10 के छोटे से खेत (Feild) में खुदाई करते वक्त हीरा (Diamond) मिला है, जिसकी कीमत 60 लाख है । बता दें कि किसान लखन द्वारा 200 रुपए लीज (lease) पर खेत लिया गया था, जिसमें खुदाई (Digging) करते वक्त उसे 60 लाख रुपए का हीरा (Diamond) मिला है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब लखन अपने खेत में खुदाई कर रहे थे उन्हें पत्थर (stone) मिला था। शुरुआत में लखन को यह पत्थर आम पत्थरों से अलग लगा, जिसके बाद उसने इसकी जांच करवाई। जांच करने पर ये बात सामने आई कि यह पत्थर आम पत्थर नहीं बल्कि 14.9 कैरेट का हीरा (Diamond) है। शनिवार को हुई हीरे की नीलामी (Auction) में इसकी कीमत 60 लाख रुपए लगाई गई।

खेत में हीरा (Diamond) मिलने के बाद लखपति हुए किसान लखन यादव का कहना है कि उस पल को वो कभी नहीं भूल सकता जब उसके हाथ में कंकड़-पत्थर का ढेर आया था और उस कंकड़-पत्थर के ढेर में एक पत्थर कुछ अलग सा था। जब उसने उस पत्थर को साफ किया और उसे धूल हटाई तो उसे समझ आया कि यह कोई आम पत्थर नहीं बल्कि कीमती पत्थर है। जिसके बाद वह इस पत्थर को लेकर जिले के डायमंड अधिकारी के पास पहुंचा। जिला डायमंड अधिकारी (district diamond officer) ने इस बात की पुष्टि की कि यह हीरा है। हीरे (diamond) की नीलामी होने के बाद मिले 60 लाख रुपए से सबसे पहले किसान ने एक मोटरसाइकिल खरीदी है, जिसकी कीमत 1 लाख रुपए है।

यादव से जब पूछा गया कि वह इतने पैसे का क्या करेंगे तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं कुछ बड़ा नहीं करूंगा। मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूं। मैं इन पैसों को फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में रखूंगा, जिससे इन पैसों से आगे मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा (Education) दे सकूं। लखन कहते हैं कि वह आने वाले 6 महीनों के लिए इस खेत को और लीज पर बढ़ाएंगे और इसमें और हीरे ढूंढने (search more diamonds) की कोशिश करेंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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