छतरपुर।
इन दिनों मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के कलेक्टर का एक फरमान चर्चाओं में बना हुआ है। जिसमें लिखा हुआ है कि तीन महीने के अंदर अधूरे कार्य पूरे नहीं हुए, तो सरपंच को चुनाव लड़ने पर मिलने वाली शासकीय एनओसी नहीं दी जाएगी और ना ही सरपंच का परिवार चुनाव नही लड़ पाएगा। आदेश जारी होते ही विवाद शुरु हो गया है। सरपंचों ने कलेक्टर के इस आदेश का पुरजोर विरोध किया है और समय को आगे बढ़ाने की मांग की है। वहीं फैसले ना बदलने पर बीजेपी ने भी सड़क पर उतरने की धमकी दी है।खबर है कि कलेक्टर ने ये फरमान पंचायत के जितने काम अधूरे हैं उन्हें समय सीमा में पूरे करने के उद्देश्य से दिया है।
दरअसल, आगामी चुनाव को देखते हुए छतरपुर कलेक्टर ने एक फरमान जारी किया है, जिसमें लिखा गया है कि जिले की सभी ग्राम पंचायत में सभी अधूरे काम को वे 3 महीने के अंदर पूरा करवाए। अगर काम समय सीमा में पूरे नहीं किए गए तो, सरपंच को चुनाव लड़ने पर मिलने वाली शासकीय एनओसी नहीं दी जाएगी और ना ही आगामी चुनाव में सरपंच के परिजन चुनाव लड़ पाएंगे।कलेक्टर का यह आदेश जारी होते ही सरपंचों मे विरोध शुरू हो गया है। सरपंचों का आरोप है कि तीन महीने बरसात का समय होता है, ऐसे में कई काम बरसात में बंद रहते हैं। उन्होंने मांग की है कि कलेक्टर को तीन महीने के समय को बढ़ाना चाहिए। वहीं कलेक्टर के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी सड़क पर उतरने की धमकी दे रही है।