Gita Updesh : श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। जिसके बारे में हम सभी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। इस ग्रंथ में कुल 800 अध्याय और 700 श्लोक है, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था लेकिन अब यह हिंदी, इंग्लिश, तमिल, मराठी सहित अन्य कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। इसे पढ़ने से मनुष्य को संपूर्ण जीवन का रहस्य पता चलता है। दरअसल, यह भगवान श्री कृष्णा और अर्जुन के बीच वह वार्तालाप का वर्णन है। जब उन्होंने कुरुक्षेत्र की भूमि में अर्जुन की दुविधा को खत्म करने के लिए दिया था। इसके बाद श्री हरि ने अपने विश्व रूप को प्रकट कर अर्जुन की मोह माया को भंग किया। जैसा कि हम सभी जानते हैं महाभारत का युद्ध धर्म और अधर्म के बीच लड़ा गया था, इसलिए पांडवों की जीत निश्चत थी। वहीं, इस ग्रंथ में कर्म योग, भक्ति योग के अलावा ज्ञान योग का भी वर्णन किया गया है। माधव ने इसमें इंसान को मोक्ष के प्रति के कई सारे मार्ग बताए हैं। उन्होंने कहा था कि इंसान को कभी भी परिणाम की चिंता किए बगैर अपने कर्म निरंतर करते रहना चाहिए। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए इंसान के वो 4 गुण बताएंगे, जिन्हें उसे स्वयं करना चाहिए। अन्यथा आपको पाप भी लग सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
पहला गुण
गीता उपदेश के दौरान मनुष्य के चार गुणों में भगवान श्री कृष्ण ने पहला गुण यह बताया है कि सुबह उठकर व्यक्ति को अपने बिस्तर खुद ही समेटना चाहिए। चाहे वह कोई स्त्री हो या पुरुष, बहन हो या बेटी हो, पत्नी हो या मां हो, सभी को अपने बिस्तर स्वयं समेट कर रख देना चाहिए। अपना यह काम किसी और से करवाने पर व्यक्ति पाप का भागीदार बन जाता है। इसलिए आज के बाद भूल कर भी इस काम को दूसरे पर ना छोड़ें।
दूसरा गुण
भगवान कृष्ण द्वारा बताए गए व्यक्ति के चार गुणों में से दूसरा गुण यह है कि इंसान को खुद के कपड़े स्वयं धोने चाहिए। दूसरों से खासकर माता, बहन या फिर बेटी से कपड़ा धुलवाने पर वह व्यक्ति पाप का भागी बन सकता है। इसलिए अगर आप ऐसा करते हैं, तो सावधान हो जाए।
तीसरा गुण
गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने व्यक्ति के चार गुणों में से तीसरे गुण का वर्णन करते हुए बताया था कि किसी भी व्यक्ति को खुद के जूते और चप्पल स्वयं ही धुलने चाहिए। अन्यथा, वह पाप का भागीदार बन जाता है। ऐसी चीजें खासकर अपने घर की महिलाओं से बिल्कुल भी ना धुलवाएं। इससे माता लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती है और आप आर्थिक समस्याओं से घिर सकते हैं।
चौथा गुण
भगवान श्री कृष्ण ने गीता उपदेश के दौरान व्यक्ति के चार गुणों में से आखरी गुण का वर्णन करते हुए बताया था कि इंसान को हमेशा खुद से पानी गिलास में डालकर पीना चाहिए। अगर वह बार-बार किसी और से अपनी मांग कर पीता है, तो ऐसा करने पर वह पाप का भागीदार बन जाता है। इसलिए कोशिश करें कि अपनी स्वयं ही पानी ग्लास में लेकर पिएं।
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