Govardhan Puja 2023 Upay : गोवर्धन पूजा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवम्बर के आसपास होती है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा को गोबर से बनाते हैं और फिर उस प्रतिमा की पूजा करते हैं। इसके बाद, वे दीपक जलाते हैं और पूजा में भगवान कृष्ण की भक्ति करते हैं। यह पर्व गोवर्धन लीला की याद में मनाया जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों को गोवर्धन पर्वत के नीचे बचाया था।
करें ये उपाए
वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में विशेष रूप से पर्वों और पूजाओं के दिन कुछ उपायों को मान्यता दी जाती है, जिससे घर की ऊर्जा शुद्ध होती है। बता दें कि इस दिन आप गोबर को जलाएं, जिसका धुआं घर में सकारात्मकता लाती है। धुआं के दौरान मंत्रों का जाप किया जा सकता है, जो आपके घर को शुद्ध करेगा। गोवर्धन पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण की भक्ति करना है।
ये है पौराणिक कथा
धार्मिक पौराणिक कथाओं के अनुसार, इंद्र देव ने गोवर्धन पर्वत के बारिश के माध्यम से ब्रज भूमि को प्रमाणित करने का प्रयास किया था और इस पर्वत के नीचे बसे लोगों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था। इसके बाद, भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर स्थिर रखा और ब्रजवासियों को उसके नीचे शरण दी। बता दें कि गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर 7 दिनों तक उठाए रखा था। इस घटना को गोवर्धन पर्वत के उठान की कथा के रूप में जाना जाता है। इस कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया ताकि वह अपने भक्तों को इंद्र देव के प्रकोप से बचा सकें। इंद्र देव के प्रकोप को शांत करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठान का आयोजन किया था, जिससे इंद्र देव अपनी गलती का आभास करके माफी मांगें।
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