कल मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, इन उपायों में मिलेगी सुख-समृद्धि, ऐसे करें पूजा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हिन्दू धर्म में अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) का खास महत्व होता है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस साल भी अनंत चतुर्दशी का व्रत कई शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस व्रत को करने बहुत लाभ होता है। इस दिन कुछ खास उपायों को करने से घर में सुख समृद्धि आती है। आइए जानें इन उपायों के बारे में।

यह भी पढ़े…Astro Tips : बची हुई पूजन सामग्री से करें ये उपाय, धन से जुड़ी समस्या होगी खत्म, बढ़ेगी पति की आयु

इन उपायों से मिलेगा लाभ
  • धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गणेश जी के चरणों में सवा हाथ लंबा कलावा चढ़ाना शुभ होता है। इससे जीवन की परेशानी खत्म होगी है। पूजा के बाद इस धागे को अपने दाहिने हाथ में बांध लें।
  • इस दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना गया है। खीर में तुलसी पत्ता डाल कर भोग लगाने के और भी अच्छे फल मिलते हैं।
  • अनंत चतुर्दशी के दिन सत्यनारायण कलश पर 14 लौंग (cloves)  चढ़ाकर उन्हें चौराहे पर डाल दें। ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से घर में क्लेश नहीं होता। साथ ही सुख, समृद्धि और शांति आती है।

यह भी पढ़े… IBPS RRB Clerk Result 2022: जारी हुए परीक्षा के परिणाम, ऐसे करें रिजल्ट डाउनलोड, यहाँ देखें

ऐसे करें पूजा

इस साल अनंत चतुर्दशी के अवसर पर 3 शुभ संयोग बन रहे है। इस व्रत को करने के लिए पुरुष और महिलाएं सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें। उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा। पूजा के दौरान 14 गांठ युक्त धागा भगवान विष्णु को अर्पित करें और उसकी पूजा करें। भगवान विष्णु को अबीर, गुलाल, रोली, कुमकुम, रोली, चंदन, फूल इत्यादि चढ़ाएं। अगरबत्ती धूप और घी का दीपक जलाएं। फिर भोग लगाएं और मंत्रों का जाप करें।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"