Ashadha Month 2023: हिन्दू धर्म मे आषाढ़ माह का विशेष महत्व होता है। इस महीने को मनोकामना पूर्ति का माह भी कहा जाता है। यह महिना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। 5 जून से इसका शुभारंभ हो रहा है, जिसका समापन 3 जुलाई को होगा इस माह में कुछ उपायों को करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
इन उपायों से होगा लाभ
- योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी के दिन ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं और दान दें। नमक, जूते-चप्पल, आंवला, छाता इत्यादि का दान करना शुभ माना। ऐसा करने से सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
- आषाढ़ माह में हवन और यज्ञ करना बेहद शुभ माना जाता। ऐसा करने जल्द ही फल प्राप्ति होती है। सेहत से जुड़ी समस्याएं दूर होती है और घर की नकारात्मकता खत्म होती है।
- मनोकामना पूर्ति के लिए आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन घर के ईशान कोणे में हर शाम एक दीपक जलाएं। इसमें केसर, गाय के घी और लाल धागे वाली बत्ती का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- आषाढ़ मास की पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पितरों के पितरों के नाम से तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भाग्योदय होता है कार्य क्षेत्र में तरक्की होती है और कारोबार में लाभ होता है।
भूलकर भी न करें ये काम
- आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी से चतुर्मास का आरंभ हो जाता है। इस दौरान किसी भी मांगलिक कार्यों को नहीं करना चाहिए।
- मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ माह में भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते, जिसके कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है इसलिए इस दौरान पूजा- पाठ करते रहें और घर की साफ-सफाई का ख्याल रखें।
- इस मास में सुबह देर तक सोना अशुभ माना जाता हैं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज होती है और जीवन में मुश्किलें बढ़ने लगती है।
- मान्यताओं के अनुसार इस माह में बेल, मांस, मछली, मदिरा, बैंगन, हरी पत्तेदार सब्जियां, मसूर की दाल और लहसुन-प्याज इत्यादि खाने से व्रत और जेपी का फल नहीं मिलता।
(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)