Rajyog 2023 : बेहद शुभ राजयोग का निर्माण, बदलेगी 4 राशियों की किस्मत, भाग्योन्नति-पदोन्नति-धन-प्रसिद्धि लाभ, कन्या-मकर को भद्र राजयोग से निवेश-वैभव-सफलता

Kashish Trivedi
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Rajyog 2023, Mahabhagya Rajyog, Astrology : ग्रह अपने एक तय समय पर राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन के साथ ही कई महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण होता है। ग्रहों के राजकुमार बुध 1 साल बाद अपनी खुद की राशि कन्या में प्रवेश कर रहे हैं। स्वयं की राशि में प्रवेश होने के साथ ही वह महत्वपूर्ण और बेहद शुभ राजयोग का निर्माण कर रहे हैं।

भद्र राजयोग का निर्माण

बुध की राशि परिवर्तन से भद्र राजयोग का निर्माण होगा। बुध को बुद्धि, संपन्नता और भौतिक सुख सुविधा का कारक माना जाता है। इसके साथ में बुध आकर्षण वृद्धि के कारण बनते हैं। ऐसे जातकों की बुद्धि तेज होती है साथ ही उनके बातचीत की शैली भी अच्छी होती है।

सितंबर में बुध की राशि परिवर्तन के साथ ही अक्टूबर तक इस राजयोग का लाभ कई राशियों के जातकों को मिलेगा। तीन राशि के जातकों को धन करियर कारोबार में तरक्की संबंधित लाभ मिलने के साथ ही उनके इंक्रीमेंट, सफलता और तीव्र बुद्धि में वृद्धि देखी जाएगी।

इन 3 राशियों को लाभ

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर बेहद शुभ साबित होने वाला है। भद्र राजयोग के निर्माण से कुंडली के लग्न भाव की स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही व्यक्तित्व में निखार आएगा।  आकर्षण के केंद्र बने रहेंगे। प्रेम जीवन में महत्वपूर्ण सुविधाओं का आनंद लेंगे। जीवनसाथी की तरक्की होगी। शादीशुदा लोगों की जिंदगी में अच्छे दिन की शुरुआत होगी। जो लोग अविवाहित हैं, उनके लिए विवाह के प्रस्ताव देखने को मिल सकते हैं।

मकर

मकर राशि के लिए बुध के गोचर उनके भाग्य स्थान में हो रहा है। ऐसे में भद्र राजयोग का निर्माण होने से भाग्य उन्नति होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोर्ट के मामले में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। इतना ही नहीं काम कारोबार के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है।  यात्रा में सुविधा का लाभ मिलेगा। भौतिक सुख संपदा में वृद्धि देखी जाएगी।

धनु

धनु राशि के लिए भद्र राजयोग बेहद शुभ सिद्ध होने वाला है। बेरोजगार लोगों को नौकरी मिलेगी।  इंक्रीमेंट प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही तीव्र बुद्धि से कई समस्याओं का समाधान करने में सफल रहेंगे। । कारोबारी को अच्छे आर्डर मिल सकते हैं धन लाभ होने के साथ ही विभिन्न स्रोतों से धन का लाभ हो सकता है। नया काम शुरू करने के लिए समय बेहद अनुकूल माना जा सकता है।

भद्र राजयोग का निर्माण

कुंडली के पहले घर में बुध के साथ योग का निर्माण होने पर जातक स्वस्थ, व्यावसायिक सफलता, ऐश्वर्या और मान सम्मान आदि प्राप्त करने वाला बनता है। वहीं चौथे भाव में इस योग का निर्माण होने पर संपत्ति, वैवाहिक सुख, विदेश भ्रमण सहित सफलता और समृद्धि का लाभ मिलता है।

कुंडली के सातवें भाव में इस योग का निर्माण होने पर व्यावसायिक सुख सहित प्रतिष्ठा और प्रभुत्व सहित पदोन्नति होती है जबकि दसवें भाव में इस योग का निर्माण होने पर सरकारी नौकरी सहित निजी क्षेत्र में पदोन्नति, ग्रोथ, इंक्रीमेंट का लाभ मिलता है।

महाभाग्य राजयोग का लाभ

किसी कुंडली के ग्रह नक्षत्र की स्थिति के आधार पर योग का निर्माण होता है। इसमें एक बेहद शुभ योग है। महाभाग्य योग योग का निर्माण होने से समाज में प्रतिष्ठा, संपत्ति, प्रसिद्धि और सम्मान का लाभ मिलता है।  इसके साथ ही लग्न में चंद्रमा और सूर्य की विषम स्थिति होने पर इसके लाभ प्राप्त नहीं होते हैं।

किसी पुरुष जातक का जन्म

यदि किसी पुरुष जातक का जन्म लग्न में सूर्य और चंद्रमा की विषम राशि यानी मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ राशि में हो तब कुंडली में महाभाग्य योग का निर्माण होता है।

किसी जातिका का जन्म 

वही किसी जातिका का जन्म सूर्य और चंद्रमा की विषम राशि यानी कि वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन राशि में हो तब कुंडली में महाभाग्य योग का निर्माण होता है। वही जातिका का जन्म रात्रि में हो और लग्न में सूर्य और चंद्रमा विषम राशि में हो, तब चंद्रमा का प्रभाव पड़ता है।

महाभाग्य योग का लाभ

  • इस योग से जातकों के जीवन में देवी लक्ष्मी का प्रभाव माना जाता है।
  • धन के कई स्रोत मिलते हैं।
  • इसके साथ ही उच्च पद का प्रभार मिलते हैं।
  • महंगे आभूषण और कपड़े खरीदते हैं।
  • भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि होती है।
  • मान सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • परिवार के नाम रोशन होते हैं
  • साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल होने के साथ ही व्यक्ति चरित्रवान सभ्य और सुशील बनता है
  • राजकीय कार्यों में सम्मान प्राप्त करते हैं।

 

(Disclaimer: यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी नियम नीति सलाह के लिए अपने ज्योतिषाचार्य से संपर्क अवश्य करें।)


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