Astro Tips: हिंदू धर्म में ज्योतिष को काफी महत्व दिया गया है। सनातन धर्म में होने वाला हर काम ज्योतिष के नियम कायदों और मुहूर्त के मुताबिक ही किया जाता है। जब भी हम कोई अच्छा काम करना चाहते हैं तब ज्योतिषी मुहूर्त के मुताबिक इसकी शुरुआत करते हैं। पूजन पाठ, गृह प्रवेश, शादी, मुंडन सब कुछ मुहूर्त और रीति रिवाज के मुताबिक ही होता है।
ज्योतिष एक ऐसी विद्या है, जो न सिर्फ हमें शुभ मुहूर्त की जानकारी देती है बल्कि कुछ ऐसे नियम भी बताती है जिनका अगर पालन कर लिया जाए तो हमारे जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। देवी देवताओं की पूजन हम सभी करते हैं और हमारे घर में भगवान का मंदिर जरूर होता है। ज्योतिष के मुताबिक अगर हम गलत दिशा में देवी देवताओं की मूर्तियां तस्वीर स्थापित कर देते हैं या पूजा घर गलत स्थान पर होता है तो हमें कई तरह की परेशानी हो सकती है। चलिए आज हम आपको बताते हैं की ज्योतिषीय नियमों के मुताबिक पूजा घर कहां नहीं होना चाहिए और कहां इसका होना शुभ है।
ये दिशा नहीं है शुभ
पश्चिम-दक्षिण
अगर आपने आपके घर की पश्चिम-दक्षिण दिशा में मंदिर स्थापित कर रखा है तो आपको कई तरह की परेशानी हो सकती है। यह वह दिशा है जहां से ईश्वरीय शक्ति बाहर जाती है। यही कारण है कि व्यक्ति को कभी भी इस दिशा में घर का मंदिर नहीं रखना चाहिए।
दक्षिण
दक्षिण दिशा में भी घर का मंदिर कभी भी नहीं बनाना चाहिए। यह दिशा यह की होती है इसलिए भगवान को इस दिशा में स्थापित करना शुभ नहीं माना गया है।
सीढ़ियों के नीचे
कुछ लोग सीढियों के नीचे रहने वाले स्पेस का इस्तेमाल करते हुए वहां पर मंदिर का निर्माण करवा लेते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए वरना आपके जीवन में बड़े नुकसान झेलना पड़ सकते हैं।
ये है शुभ दिशा
घर में मंदिर बनाने या भगवान को स्थापित करने की सबसे शुभ दिशा उत्तर पूर्व है। यह वह दिशा है जहां से ईश्वरीय शक्ति का घर में प्रवेश होता है। अगर आप इस दिशा में भगवान को स्थापित करते हैं तो आपको शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। ज्योतिषीय नियमों के मुताबिक अगर घर में मंदिर बनाया जाता है। तो व्यक्ति के जीवन की परेशानियों का हमेशा के लिए अंत हो जाता है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।