Tortoise Ring Rules: वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में कछुए को अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे दीर्घायु, सुख-समृद्धि और धन-सम्पदा का प्रतीक समझा जाता है। ऐसी मान्यता है कि कछुए की अंगूठी धारण करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन इस अंगूठी को धारण करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि इसका पूरा लाभ प्राप्त हो सके।
कछुए की अंगूठी धारण करने से पहले किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
1. धारण करने का समय
मंगलवार या बुधवार को शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को स्नान करके और भगवान विष्णु की पूजा करके धारण करें। यदि एकादशी संभव न हो तो शुक्ल पक्ष के किसी भी शुभवार को धारण किया जा सकता है।
2. धारण करने की विधि
अंगूठी को तर्जनी या मध्यमा उंगली में धारण करें। कछुए का मुख आपकी ओर होना चाहिए। अंगूठी धारण करते समय “ॐ विष्णु” मंत्र का जाप करें।
3. अन्य नियम
अंगूठी को हमेशा साफ रखें। इसे रोज़ाना स्नान करते समय उतार लें। रसायनों और सफाई करने वाले पदार्थों से बचाएं। मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन करते समय ना पहनें। नकारात्मक विचारों और क्रोध से दूर रहें।
कछुए की अंगूठी धारण करने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र में, कछुए की अंगूठी को अत्यंत शुभ माना जाता है। धारण करने वाले को सुख, समृद्धि, और दीर्घायु प्राप्त होती है। कछुए को धैर्य और शांति का प्रतीक माना जाता है। उसकी अंगूठी धारण करने से व्यक्ति में भी ये गुण विकसित होते हैं। यह अंगूठी आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मददगार होती है। कहा जाता है कि यह अंगूठी जीवन के कई दोषों को दूर करती है, जैसे कि ग्रहों के दोष और नकारात्मक ऊर्जा। कछुए की अंगूठी उन्नति के मार्ग खोलने में सहायक मानी जाती है। इसके अलावा, यह अंगूठी मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, और धन-सम्पदा में वृद्धि भी प्रदान कर सकती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।