Ratna Shastra: ज्योतिष एक ऐसी विद्या है, जिसमें व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान दिया गया है। इसमें रत्न और उससे जुड़े लाभ और नियमों का भी जिक्र है। जब भी व्यक्ति किसी तरह की परेशानी का सामना करता है तो अपनी राशि और लग्न के मुताबिक इन्हें धारण कर सकता है। माणिक्य एक ऐसा रत्न है जिसे धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। चलिए आज हम आपको इस उदाहरण करने के नियम और इससे होने वाले लाभ की जानकारी देते हैं।
लाभदायक है माणिक्य
माणिक्य एक ऐसा रत्न है जिसका संबंध सूर्य से होता है। यह धारण करने वाले जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत बनाने का काम करता है। जिन लोगों का सूर्य ग्रह कमजोर है अगर वह इसे पहनते हैं तो उनके जीवन में बदलाव आने लगता है। चलिए इसके उपाय, फायदे और नियम जानते हैं।
कैसे पहनें
- माणिक्य को हमेशा तांबे या फिर सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए।
- यह रत्न अनामिका उंगली में धारण किया जाता है।
- आपको बता दें कि यह केवल 4 वर्षों तक प्रभावित रहता है, उसके बाद आपको इसे बदलना होता है।
ये हैं नियम
- अगर आप माणिक्य धारण कर रहे हैं तो जान लें कि इसका संबंध सूर्य देव से होता है। इसे धारण करने से पहले आपको ज्योतिष की सलाह ले लेनी चाहिए अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है।
- जो रत्न आप धारण कर रहे हैं वह कम से कम 2 से 3 कैरेट का होना चाहिए। तभी आपको लाभ की प्राप्ति होगी।
- अगर नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो यह स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानी उत्पन्न करता है।
- मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि और लग्न के लोगों को इसे धारण नहीं करना चाहिए।
माणिक्य के लाभ
- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रह नीच का है उन्हें माणिक्य पहन लेना चाहिए।
- माणिक्य धारण करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलने लगती है।
- परिवार में अगर किसी तरह की समस्या आ रही है तो यह उसे दूर कर देता है।
- इसे धारण करने से जातक को मान सम्मान की प्राप्ति होती है और वह कार्य क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त करता है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।