Shash And Budhaditya Rajyog: वैदिक ज्योतिष मुताबिक हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तन करते है जिससे शुभ योग और राजयोग का निर्माण करते हैं। जिसका प्रभाव सीधे तौर पर राशियों, मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है।वर्तमान में न्याय के देवता शनि अपनी स्वराशि कुंभ में संचरण कर रहे हैं और वहीं 31 मई को ग्रहों के राजकुमार बुध वृषभ में प्रवेश कर गए हैं, जिससे 30 साल बाद शश और बुधादित्य राजयोग का निर्माण हुआ, जो 4 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होगा। खास बात ये है कि शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है और 2025 तक यही रहेंगे।आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं…
कुंभ राशि : 30 साल बाद बुधादित्य और शश राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है। करियर में तरक्की के अच्छे अवसर मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी, कई नए स्त्रोत खुलेंगे। नौकरीपेशा को प्रमोशन और वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। व्यापार में भी लाभ मिलने के योग हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।समाज में मान- सम्मान की प्राप्ति होगी। जो लोग राजनीति से जुडे हुए हैं, उन्हें भाग्य का साथ मिलेगा। कोई वाहन और प्रापर्टी भी खरीद सकते हैं। राजनीति पार्टी में एंट्री मिल सकती है। मालव्य गजलक्ष्मी राजयोग का भी लाभ मिलेगा।
वृषभ राशि : बुधादित्य और शश राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है । कारोबार में सफलता मिल सकती है। जो लोग राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको सफलता मिल सकती है। करियर राजनीति से जुड़ा हुआ है तो आपकी उसमें अच्छी सफलता मिल सकती है। बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है। व्यापारियों को अच्छा धनलाभ हो सकता है।शश राजयोग से नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं को गुड न्यूज मिल सकती है। बिजनेस में खूब धन कमाने के अवसर मिलेंगे। विदेश यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है। किस्मत का साथ मिलेगा। परिवार का साथ मिलेगा।
वृश्चिक राशि : शश और बुधादित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। मान- सम्मान में वृद्धि होगी। अगर आप राजनीति से जुड़े हुए हैं तो आपको उसमें अच्छी सफलता मिल सकती है। चुनाव में विजय मिल सकती है। इस दौरान शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा।कार्यों में सफलता मिलेगी।राजयोग से नौकरीपेशा को कार्यस्थल पर सीनियर और जूनियर दोनों के साथ मिलकर काम करना उचित रहेगा।
कैसे बनता है कुंडली में शश राजयोग
- ज्योतिष के मुताबिक, जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव पर हो यानि शनि देव यदि किसी कुंडली में लग्न अथाव चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हो तो ऐसी कुंडली में शश योग का निर्माण होता है। जिन जातकों की कुंडली में यह राजयोग होता है उसकी धन और शौहरत में वृद्धि होती है।व्यक्ति राजाओं जैसी जिंदगी जीता है। आर्थिक संसाधनों में वृद्धि होती है।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)