Chaitra Navratri 2023 Ashtami: चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से हो चुका। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व होता है। इस दौरान अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 29 मार्च को अष्टमी तिथि पड़ रही है। इस दिन देवी के आठवें अवतार “महागौरी” की पूजा अर्चना की जाती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 28 मार्च शाम 7:02 बजे होगा और इसका समापन 29 मार्च रात 9:07 बजे होगा। उदय तिथि के मुताबिक अष्टमी का व्रत 29 मार्च को रखा जाएगा।
बन रहे हैं शुभ संयोग
इस साल अष्टमी पर दो शुभ योग बन रहे हैं। जिसमें शुभन योग और रवि योग शामिल हैं। इस दौरान माता की पूजा करना बहुत ही शुभ होगा। वहीं ज्योतिष शस्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि पर ग्रहों का महासंयोग भी बन रहा है। जो बेहद फलदायी होगा। विधि पूर्वक देवी की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। शोभन योग 28 मार्च रात 11:36 से लेकर 29 मार्च सुबह 12:13 तक रहेगा। वहीं रवि योग 29 मार्च रात 8:00 बजे से लेकर 30 मार्च सुबह 6:14 बजे तक रहेगा।
ऐसे करें पूजा
अष्टमी तिथि पर महागौरी की पूजा करना सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद शुभ माना जाता। मान्यतयाएं हैं कि माता सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नानकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
फिर महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर किसी चौकी पर स्थापित करें और माता को सिंदूर लगाएं। महिलायें सुहाग और शृंगार की समाग्री जरूर अर्पित करें। लाल पुष्प चढ़ाना शुभ होगा। देवी को उनका पसंदीदा भोग लगाएं। पूजा के दौरान ध्यान लगाते हुए “ओम देवी महागौर्यै नमः” का जाप करें। कुछ लोग अष्टमी के दिन भी कन्या पूजन का विधान करते हैं। और इसी दिन पारण भी कर लेते हैं। कलश विसर्जन दशमी के दिन ही करना चाहिए।
(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं पर आधारित हैं। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)