Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की पूजा के दौरान कन्या पूजन (Kanya Pujan) का विशेष महत्व होता है। अष्टमी और नवमी दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन का कार्य संपन्न किया जाता है। इस दिन कन्याओं को आदर सत्कार के साथ बुलाकर उनकी की जात है। उन्हें देवी का स्वरूप मानकर भोग लगाया जाता है। मान्यताएं हैं कि ऐसा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा सदा बनी रहती है। साथ ही मनोकामनाएं पूर्ण होती है। लेकिन कन्या पूजन के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है। यदि आप घर पर कन्या पूजन का आयोजन कर रहे हैं तो इन बातों का ख्याल जरूर रखें।
इन बातों का रखें ख्याल
- कन्या पूजा के दौरान कन्याओं की उम्र का बहुत ही महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार 2 से 10 साल की कन्याओं को भोजन करवाना शुभ होता है।
- 9 कन्याओं के साथ एक बालक को बुलाना भी अनिवार्य होता है, उस बालक को भैरव का स्वरूप माना जाता है।
- कन्याओं को एक दिन पहले ही आदर पूर्वक आमंत्रित करें। कन्या पूजन के दिन ही कन्याओं को यहां वहां से लाना उचित नहीं माना जाता।
- गिफ्ट में ऐसी चीजें दें , जिनका वे लोग इस्तेमाल कर पाएं।
ऐसे करें कन्या पूजन
- इन कन्याओं को देवी का अवतार माना जाता है, इसलिए उनका स्वागत फूलों से करें और माता के 9 नामों के जयकारे लगाकर करें।
- उसके बाद उन्हें स्वच्छ और आरामदायक आसन पर बैठायें। शुद्ध पानी से उनके पांव धोएं और आशीष लें।
- पाँव धुलाने वाले जल को अपने मस्तिष्क पर लगाएं।
- अब उनके माथे पर अक्षत, कुमकुम और फूल का तिलक लगाएं।
- कन्याओं की इच्छा अनुसार भोजन करवाने से बहुत लाभ होता है। उनके सामने थाल सजाकर भोजन कराएं।
- अब उपहार और दक्षिणा का वितरण करें। एक बार पुनः आशीर्वाद लेकर उन्हें बिदा करें।
(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं पर आधारित हैं। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)