Hindu Belief: इस तरह करें मंत्रों का जाप, शांति और सकारात्मक ऊर्जा से रहेंगे ओत-प्रोत

जाप करते समय यदि आपकी आंखें खुले तो इसका अर्थ है कि आपका मन जाप करने में नहीं लग रहा है।

Shashank Baranwal
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Hindu Belief: हिंदू धर्म में पूजा के दौरान जाप किए जाते हैं, जोकि काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मंत्रों का जाप करने से आपके आस पास सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा से कोसों दूर रहते हैं। ऐसा करने से ईश्वर का साथ हमेशा आप पर सदैव बना रहता है। हालांकि, बहुत से लोग जाप तो करते हैं लेकिन उन्हें इसके सही नियम नहीं पता होते तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको मंत्रों का जाप करने के कुछ नियम बताएंगे।

  1. मनुष्य को हमेशा आंख बंद करके जाप करना चाहिए। इससे मन एकाग्र होता है और दिमाग एक जगह स्थिर होकर ईश्वर के ध्यान में मग्न हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंत्रों का जाप करते समय आंखें बंद रखना ध्यान को एकाग्र करने में मदद करता है। बता दें कि यह शांति और संजीवनी भावना को बढ़ावा देता है।
  2. इंसान को कभी भी आंख खोल कर जाप नहीं करना चाहिए। इससे आपके सारे पुण्य समाप्त हो जाते हैं। साथ ही आपके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। इससे तेज को प्राप्त कर पाना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमेशा आंख बंद करके जाप करना चाहिए।
  3. जाप करते समय यदि आपकी आंखें खुले तो इसका अर्थ है कि आपका मन जाप करने में नहीं लग रहा है। ऐसे में आपका ध्यान भंग होगा और आप सही ढंग से तपस्या नहीं कर पाएंगे। जिस कारण आपको जाप करने का फल भी प्राप्त नहीं होगा।
  4. ज्योतिषीय नियमों के अनुसार, इन्हीं सब कारणों के चलते इंसान को हमेशा अपनी आंखें बंद करके ही जाप करने चाहिए ताकि उन्हें इसका सकारात्मक परिणाम मिल सके।

(Disclaimer: यहां उपलब्ध जानकारी विभिन्न मान्याताओं पर आधारित है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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