Chhath Puja: 17 नवंबर से शुरु होगा श्रद्धा और लोक आस्था का महापर्व छठ, जानिए इसे मनाने की वजह

Sanjucta Pandit
Published on -

Chhath Puja 2023 : कार्तिक माह में कई महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार होते हैं, जिनमें छठ पूजा एक महत्वपूर्ण है। बता दें कि यह श्रद्धा और लोक आस्था का महापर्व है, जिसमें सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दौरान कठिन व्रत और नियमों का पालन किया जाता है। छठ पूजा के दौरान लोग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नदियों, झीलों या बारात (घाट) के किनारे जाते हैं। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। वहीं, इस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू होगा और 20 नवंबर को समाप्त होगा। आइए जानें चार दिवसीय महापर्व छठ की तिथियां और पौराणिक महत्व…

Chhath Puja: 17 नवंबर से शुरु होगा श्रद्धा और लोक आस्था का महापर्व छठ, जानिए इसे मनाने की वजह

नहाय-खाय

छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होता है। इस दिन कद्दू-भात बनता है। इस साल 17 नवंबर को सात्विक रूप से महापर्व का आरंभ किया जाएगा।

खरना

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा होती है, जिसमें व्रती खीर-पूरी का प्रसाद बनाते हैं और खाते हैं। इस साल खरना 18 नवंबर को है। जिसके बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ करते हैं। यह व्रत संध्या को खरना प्रसाद खाकर आरंभ होता है।

पहला अर्घ्य

छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती और उनके परिवार के लोग सूर्योदय के समय नदी, सरोवर, पोखर, तालाब या अन्य जल स्रोतों के किनारे जाते हैं। जिसके बाद वो संध्याकालीन सूर्य को अर्घ्य देते हैं। बता दें कि इस साल डूबते हुए सूर्य को 19 नवंबर 2023 को अर्घ्य दिया जाएगा।

दूसरा अर्घ्य

छठ पूजा के आखिरी दिन, जिसे छठी तिथि कहा जाता है इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रती और उनके परिवार के लोग सूर्योदय के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। जिसके बाद छठ व्रत संपन्न हो जाता है। इसके बाद पारण किया जाता है और व्रती अपने निर्जला व्रत को तोड़ते हैं। इस साल उगते सूर्य को 20 नवंबर 2023 को अर्घ्य दिया जाएगा।

जानिए इसे मनाने की वजह

पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठ की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। कहा जाता है कि सूर्य पुत्र कर्ण ने अपने पिता की पूजा कर इसे शुरू किया था। बता दें कि कर्ण भगवान सूर्य के बहुत बड़े और परम भक्त थे जो रोज घँटों पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य दिया करते थे। जिनका आशीर्वाद प्राप्त कर वो एक महान योद्धा बने। तब से लेकर आज तक इस पर्व को बड़े ही धूमधाम और हर्ष- उल्लास के साथ मनाया जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News