Dhumavati Jayanti 2023: सनातन धर्म में धूमावती जयंती का बेहद ही खास महत्व होता है। प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। माँ धूमवती माता पार्वती का अत्यंत रुद्र रूप है, ये 10 महाविद्याओं में से अंतिम विद्या है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से रोग, कष्ट और दरिद्रता समाप्त होती है। कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को मां धूमावती की पूजा नहीं करनी चाहिए। नियमानुसार व्रत रखने से बेहद लाभ होता है। साथ ही कुछ उपायों को करने से भाग्योदय होता है।
ऐसे करें पूजा
- सुबह सबसे पहले उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
- कुमकुम फूल, जल अक्षत इत्यादि सामग्री अर्पित करें।
- दीप, फल, धूप और नवैद्य से माता की पूजा करें ।
- मां धूमावती की कथा जरूर सुने।
- पूजा के बाद क्षमा याचना करें और माता से प्रार्थना करें।
इन 5 उपायों से होगा लाभ
इस दिन कुछ उपायों को करने से बेहद लाभ होता है। आर्थिक समस्याएं दूर होती है। रोग दूर होते हैं। शत्रु पर विजय प्राप्त होती है और दोष से मुक्ति मिलती है।
- राई में सेंधा नमक मिलाकर होम करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- नीम की पत्तियों के साथ करने करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- लाल चंदन में शहद मिलाकर जौ के साथ हवन करने पर मां धूमावती की कृपा बरसती है और भाग्योदय होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए फूलों से माता धूमावती के लिए हवन करें।
- रोग मुक्ति के लिए घी और रोटी से हवन करने पर बहुत लाभ होता है। मां धूमावती से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)