Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना गया है। श्री हरि विष्णु को समर्पित इस दिन पर व्रत रखा जाता है और भगवान से सुख समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा जाता है। सूर्योदय से शुरू होने वाला एकादशी का ये व्रत दूसरे दिन द्वादशी पर समाप्त हो जाता है। मान्यताओं के मुताबिक अगर विधिविधान से ये व्रत किया जाए तो व्यक्ति को उसकी सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
कब है एकादशी
नवंबर के महीने में रमा एकादशी का व्रत 8 तारीख की सुबह 8.20 मिनट से शुरू होगा जो दूसरे दिन यानी 9 नवंबर की सुबह 10.41 मिनट पर खत्म होगा। उदया तिथि के मुताबिक 9 नवंबर को एकादशी व्रत होगा। इसका पारण 10 नवंबर को किया जाएगा।
एकादशी पूजन विधि
- एकादशी का पूजन करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें।
- घर के मंदिर की सफाई करने के बाद चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाने के साथ भगवान को हल्दी कुमकुम, चंदन, पुष्प, धूप, नैवेद्य अर्पित करें।
- भगवान के भोग में तुसली पत्र विशेष तौर पर शामिल करें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ ध्यानपूर्वक करें और अंत में आरती करें।
- द्वादशी तिथि को व्रत का पारण सात्विक भोजन के साथ करें।
एकादशी का महत्व
एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना गया है। इस दिन भक्ति और समर्पण से किए गए व्रत से भगवान विष्णु की कृपा भक्तों पर पड़ती है। साल में 24 एकादशी होती है और जो लोग इस व्रत को करते हैं उन्हें अपने पिछले जन्म के कुकर्मों से मुक्ति मिल जाती है और वह मृत्यु के बाद बैकुंठ में स्थान प्राप्त करते हैं।
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