Shaniwar: अगर जीवन में परेशानियां नहीं हो रही हैं कम, शनिवार के दिन करें ये छोटा सा काम, मिलेगा फल

Shaniwar: जिस प्रकार सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित रहते हैं। उसी प्रकार शनिवार का दिन भगवान शनि देव को समर्पित रहता है। जो लोग शनि दोष से पीड़ित है, उन लोगों को शनिवार के दिन शनि देव से जुड़े कुछ उपाय करना चाहिए।

भावना चौबे
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Shaniwar: शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है। शास्त्रों में शनिदेव को कर्मफलदाता भी कहा गया है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। यदि शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। शनिवार का दिन शनिदेव को प्रसन्न करने का उत्तम दिन है। इस दिन कुछ सरल उपाय करके आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं। इसी के साथ चलिए जान लेते हैं कि शनिवार के दिन क्या-क्या उपाय करने चाहिए, सबसे पहले शनिवार के दिन शनि देव की पूजा के दौरान शनि देव की चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

|| शनिदेव की चालीसा ||

|| दोहा ||

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

|| चौपाई ||

जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गति-मति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥
दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी॥
तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजी-मीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। पारवती को सती कराई॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रौपदी होति उघारी॥
कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥
शेष देव-लखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना। जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी। सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

|| दोहा ||

पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

पीपल के पेड़ का उपाय

शनिवार के दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें। इस उपाय को करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।कुंडली में शनि की दशा का प्रभाव कम होता है। जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। शनिदेव से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति मिलती है।शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप कुछ अन्य उपाय भी कर सकते हैं।

शनिवार के दिन भूलकर भी ना करें ये काम

शनिवार के दिन मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन न करें। झूठ बोलना, चोरी करना, किसी को परेशान करना आदि कर्मों से बचें। सदैव सत्य बोलें, दूसरों की सहायता करें और अच्छे कर्म करें। इन बातों का पालन करने से शनिदेव की कृपा सदैव आपके साथ रहेगी।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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