Kuber Dev : कुबेर देव हिन्दू धर्म में धन के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। उन्हें ‘लोकपाल’ या ‘धनाधिपति’ के रूप में भी जाना जाता है। इसको धन की वृद्धि, समृद्धि, व्यापार सफलता का प्रतीक माना जाता है। बता दें कि वे हिंदू धर्म में अष्टधिकपाल (8 लोकपाल) में से एक हैं। धन के संबंध में कुबेर देव की पूजा करने से लोग धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं। वे संपत्ति के रखवाले माने जाते हैं। उनकी पूजा करने से लोग अधिक धन की प्राप्ति के साथ-साथ धन का संरक्षण भी कर पाते हैं।
बेहद प्रिय है ये दिन
वहीं, कुबेर देव को शुक्रवार बेहद प्रिय दिन होता है। इस दिन साधकों द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से उनके घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती। इस दिन कुबेर देव की दिशा में वास्तु नियमों का पालन कर आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- कुबेर देव की कृपा पाने के लिए शुक्रवार के दिन अपनी तिजोरी को घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाती हैं। इससे परिवार के सदस्यों के तरक्की के योग बनते हैं। साथ ही हमेशा धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
- आप कुबेर मंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥” का जाप कर सकते हैं। शुक्रवार की रात इस मंत्र का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है और सौभाग्य प्राप्त होता है। ऐसा आप 3 महीने तक लगातार कर सकते हैं।
- यदि आप अपने घर में कुबेर यंत्र रखना चाहते हैं, तो इसे हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे घर में धन, वैभव, सुख और समृद्धि आती है। साथ ही जातकों को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल जाता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, शुक्रवार के दिन क्रासुला पौधे को बालकनी में रखने से माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। इसके अलावा, पौधे को अधिक धूप और प्राकृतिक रोशनी मिलती है, जिससे व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है।
- ध्यान रखें कि इस पौधे को भूलकर भी अंधेरे वाले स्थान पर ना रखें, इससे घर में नकारात्म प्रभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही भक्तों पर सदैव कुबेर देव की कृपा बनी रहती हैं। जिस कारण उन्हें कभी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)