जानिए कितनी बार पढ़ना चाहिए श्रीमद्भागवत गीता, क्या है इसके लाभ

Sanjucta Pandit
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Bhagavad Gita Path Niyam and Importance : श्रीमद्भागवत गीता जिसे आमतौर पर भगवद गीता भी कहा जाता है। यह महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को युद्ध के पहले दिन दिए गए ज्ञान का वर्णन है। यह ग्रंथ भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक ग्रंथों में से एक है और इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किए जाते हैं। भगवद गीता में 18 अध्याय और कुल 700 श्लोक हैं। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के उद्देश्य, कर्म, भक्ति, ज्ञान, सांख्ययोग, कर्मयोग, भक्तियोग, आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने अपना विश्वरुप के दर्शन भी कराए थे। बता दें कि गीता को पढ़ने के कुछ नियम-कानून होते हैं, जिनका पालन करने से आपको बहुत लाभ मिलता है।

जानिए कितनी बार पढ़ना चाहिए श्रीमद्भागवत गीता, क्या है इसके लाभ

इसे पढ़ने के लाभ

भगवद गीता का ज्ञान प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को इसे न केवल पढ़ना ही, बल्कि समझना और उसके भावार्थ को अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करना चाहिए। गीता में विभिन्न योगों, ध्यान की विधियों, श्रद्धा के महत्व, कर्म का महत्व और मुक्ति के मार्ग के बारे में बताया गया है। गीता को एक बार पढ़ने से ही उसका सारा ज्ञान समझ आता है, लेकिन इसे बार-बार पढ़ने से भी और गहराई से समझने का अवसर मिलता है। गीता का ज्ञान गहराई से समझने के लिए उसे नियमित रूप से पढ़ा जा सकता है। जब भी व्यक्ति अपने जीवन में समस्याओं का सामना करता है, तो वह गीता के ग्यारह अध्यायों को पुनः पढ़ सकता है ताकि उसे उस स्थिति में सहायता मिल सके।

श्रीमद्भगवत गीता के पाठ के कुछ नियम

  • गीता को नियमित रूप से पढ़ने की कोशिश करें। यह न केवल ज्ञान को समझने में मदद करता है, बल्कि अनुभव को भी बढ़ाता है।
  • पाठ के समय में श्रद्धा और समर्थन लाने की कोशिश करें। गीता का संदेश श्रद्धा और आत्मा के अभ्यास से संबद्ध है।
  • गीता के प्रत्येक श्लोक को ध्यान से पढ़ें और समझें। उसके भावार्थ को समझने के लिए समय दें।
  • गीता के संदेशों को अपने जीवन में अमल में लाने का प्रयास करें। यह ग्रंथ ज्ञान का ही नहीं, बल्कि उसे अपनाने का भी मार्ग दिखाता है।
  • गीता को पढ़ते समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण बनाए रखें। यह आपको आत्मा के साथ संबद्ध करने में मदद करेगा।
  • अगर संभव हो तो समूह में गीता का पाठ करने का संगठन करें ताकि समर्थन और विचार-विमर्श हो सके।
  • यदि संभव हो तो एक आदर्श गुरु से गीता के बारे में विचार-विमर्श करें और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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