भगवान श्री कृष्ण ने शांति से जीवन बिताने के बताए 5 मूलमंत्र, पढ़ें Gita Updesh

इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था, लेकिन अब इसे बहुत सी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम जीवन में शांति बनाएं रखने के 5 मूलमंत्र बताएंगे।

Sanjucta Pandit
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Gita Updesh : गीता उपदेश (श्रीमद्भगवद्गीता) भारतीय महाकाव्य महाभारत का एक प्रमुख और पवित्र ग्रंथ है। श्रीमद्भगवद्गीता का संवाद अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण के बीच कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान पर हुआ था, जब अर्जुन अपने कर्तव्यों और धर्म को लेकर संशय में पड़ जाते हैं। जिसके बाद भगवान कृष्ण अर्जुन को जीवन, धर्म, कर्तव्य और आत्मा के बारे में उपदेश देते हैं। इसके साथ ही वह विश्व रुप को प्रकट किया था। साथ ही गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन को बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का अपना स्वधर्म होता है, जिसे निभाना उसका कर्तव्य है। अपने कर्तव्य से पीछे हटना अधर्म है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि भक्ति के माध्यम से व्यक्ति ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है। भगवान के प्रति समर्पण और आस्था महत्वपूर्ण है। बता दें कि इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था, लेकिन अब इसे बहुत सी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम जीवन में शांति बनाएं रखने के 5 मूलमंत्र बताएंगे।

भगवान श्री कृष्ण ने शांति से जीवन बिताने के बताए 5 मूलमंत्र, पढ़ें Gita Updesh

दर्पण

दर्पण इंसान को कभी भी झूठ नहीं बोलने देता। दरअसल, यह सत्य और आत्म-विश्लेषण का प्रतीक है। जब हम अपने आप को दर्पण में देखते हैं, तो हमें अपनी सच्चाई और वास्तविकता का सामना करना पड़ता है जोकि हमें ईमानदारी से जीने की प्रेरणा देता है और झूठ बोलने से रोकता है।

ज्ञान

बता दें कि ज्ञान भयभीत नहीं होने देता है। जिसका अर्थ सच्ची जानकारी और समझ होता है। जब हम सही ज्ञान प्राप्त करते हैं, तो अज्ञानता और अंधविश्वास का भय दूर हो जाता है। साथ ही यह हमें आत्म-विश्वास और साहस प्रदान करता है।

सत्य

सत्य हमें कमजोर नहीं होने देता। जिसका पालन करने वाला व्यक्ति नैतिक और आंतरिक रूप से मजबूत होता है। सत्य पर चलने वाला व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में कमजोर नहीं पड़ता।

प्रेम

गीता के अनुसार, प्रेम ईष्या नहीं करने देता है। बता दें कि सच्चा प्रेम नि:स्वार्थ होता है और इसमें ईर्ष्या की कोई जगह नहीं होती, जहां प्रेम है, वहां ईर्ष्या और द्वेष नहीं टिक सकता। इसलिए सभी जगह प्यार फैलाएं।

विश्वास

यह एक चीज है तो विश्वास दुखी नहीं होने देगा। विश्वास चाहे स्वयं पर हो, दूसरों पर हो या ईश्वर पर, हमें मानसिक और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है। यह इंसान को कठिन समय में सहारा देता है और दुख से उबरने में मदद करता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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