Durga Ashtami 2023 : नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। ये दोनों दिन ही नवरात्रि के सबसे मुख्य दिन माने जाते हैं। महाअष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। दरअसल, कुछ लोग नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं ऐसे में वह अष्टमी और नवमी के दिन व्रत रख कन्याओं को भोजन करवाते हैं और घर में हवन पूजन करते हैं।
इस बार महाअष्टमी के दिन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है जो इसे और खास बना रहा है। ये दोनों ही योग भक्तों के लिए शुभ साबित होंगे। इस योग में किए गए कार्य और माता रानी की पूजा का फल भक्तों को प्राप्त होगा। चलिए जानते हैं दोनों योग और उनके शुभ मुहूर्त के बारे में –
कन्या भोज का लाभ
नवरात्रि में महाअष्टमी के दिन आप कन्याओं को भोज करवा कर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। दरअसल, कहा जाता है कि कन्याओं में मां दुर्गा का वास होता है ऐसे में 2 से 10 साल की उम्र की नौ कन्याओं को आप इस अष्टमी भोज करवाएं आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।
शुभ योग
इस अष्टमी दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। दोनों ही बेहद खास और शुभ माने जा रहे हैं। बता दे, अष्टमी के दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग शुबहा 6 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा जो शाम 6 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा वहीं रवि योग 6 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा जो अगले दिन सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा।
इन दोनों ही योग में शुभ कार्य करना अक्षय फल की प्राप्ति करवाएगा। वहीं जिस जातक की आर्थिक स्थिति खराब वह भी इस योग में कुछ उपाय कर आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकता है। बता दे, रवि योग हर कार्य के लिए श्रेष्ठ योग माना जाता है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग में व्यक्ति द्वारा किया गया काम सफल होता है। मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।