महाशिवरात्रि 2025: आज रख रहे हैं उपवास? इन 2 गलतियों से बचें वरना होगी बड़ी चूक

महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रखा जाता है, लेकिन अगर आप पहली बार उपवास कर रहे हैं, तो कुछ जरूरी नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। व्रत के दौरान छोटी-छोटी गलतियां भी आपकी तपस्या को प्रभावित कर सकती हैं।

Bhawna Choubey
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आज 26 जनवरी के दिन देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म का यह महत्वपूर्ण पर्व है, इसे लेकर भक्तों में अलग ही उत्साह और उल्लास नज़र आता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है। हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।

शिव भक्तों के लिए यह दिन बहुत ख़ास है, वे साल भर इस दिन का इंतज़ार करते हैं, और महीनों पहले से ही तैयारियों में लग जाते हैं। गली शहर के हर एक शिव मंदिर को रंग बिरंगे फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। इस दिन भक्त न सिर्फ़ विधि विधान से ही शिव गौरी की पूजा अर्चना करते हैं, बल्कि भारत का पालन भी करते हैं। अगर आप भी शिवरात्रि के दिन व्रत रख रहे हैं, या फिर पहली बार व्रत रखने जा रहे है, तो कुछ बातों का आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं कि वे बातें कौन कौन सी है।

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महाशिवरात्रि का महत्त्व (Mahashivratri 2025)

महाशिवरात्रि के दिन, भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना करना चाहिए। घर पर ही या फिर मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध, धतूरे के फूल, बेलपत्र आदि चीज़ें अर्पित करना चाहिए, ये सारी चीज़ें भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, और भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाते हैं, इस दिन मंदिरों में हवन, महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन होता है।

चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व

महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है, प्रथम पहर की पूजा का समय सुबह 6: 19 बजे से शुरू होकर रात्रि 9:26 बजे तक रहता है। द्वितीय प्रहर पूजा का समय रात्रि 9:26 बजे से मध्यरात्रि 12:23 बजे तक। तृतीय प्रहर पूजा का समय, मध्यरात्रि 12: 34 बजे से 27 फ़रवरी प्रातः 3: 41 बजे तक। चतुर्थ प्रहर पूजा का समय, 27 फ़रवरी प्रातः 3:41 बजे से प्रातः 6: 48 बजे तक।

व्रत में क्या खा सकते हैं?

महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान, दिन में एक ही बार फलाहार करना चाहिए। लेकिन गर्भवती महिलाओं, और जिस भी व्यक्ति की तबियत ठीक नहीं है, वह दिन में तीन बार फलाहार कर सकता है। व्रत के दौरान आप, सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू, सामा के चावल, आलू आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा दूध से बनी मिठाई, और साबूदाने से बनी चीज़ों का सेवन कर सकते हैं।

व्रत में क्या नहीं खायें ?

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर, भूलकर भी लहसून और प्याज़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन फलाहार में भी सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसी दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए, महाशिवरात्रि के दिन, दिन में नहीं सोना चाहिए। गेहूं चावल और अन्य अनाजों से बनी चीज़ों का सेवन इस दिन नहीं करना चाहिए। अगर आप पूजा पाठ करने के बावजूद इन चीज़ों का पालन नहीं करते हैं तो आप को महाशिवरात्री की पूजा पाठ का फल बिलकुल भी प्राप्त नहीं होगा।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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