Mars Transit, Mars ketu, Mangal ketu yuti : अक्टूबर में कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं। राशि परिवर्तन का सीधा-सीधा असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। मंगल अक्टूबर में तुला राशि मेंप्रवेश करेंगे जबकि केतु भी तुला राशि में होंगे। 18 अगस्त 2023 को मंगल का प्रवेश कन्या राशि में हुआ था। अब यह 3 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करने वाले हैं। 3 अक्टूबर के बाद कुछ राशियों के लिए समय बेहद अनुकूल होंगे जबकि कुछ राशियों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।
मंगल को उग्र ग्रह की संज्ञा दी गई है जबकि केतु भी उग्र ग्रह की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में सेनापति मंगल का गोचर कई राशियों के जीवन शैली में बड़े परिवर्तन लेकर आएगा। कुछ राशियों के लिए मंगल नौकरी सहित बिजनेस और आत्मविश्वास के द्वारा खोलेंगे। तरक्की के योग बनते नजर आएंगे।
इन राशियों को लाभ
सिंह
केतु और मंगल की युति सिंह राशि के लिए अच्छी साबित हो सकती है। इन राशि के जातकों को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे। निवेश में सफलता मिलेगी बड़े फैसले ले सकते हैं। व्यापार का विस्तार कर सकते हैं। आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा। जीवनसाथी का आपके सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में श्रेष्ठता साबित करने में सफल रहेंगे।
कन्या
धन आगमन के कोई स्रोत निर्मित होंगे, अच्छी जगह आप अपने धन को निवेश करेंगे। बेहतर रिटर्न की प्राप्ति होगी। मंगल और केतु के कारण कई अच्छे मौके आपके हाथ आ सकते हैं, भाई से आपके सहयोग प्राप्त होगा। व्यापारिक सफलता मिलती नजर आएगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। हालांकि आत्मविश्वास की वजह से कई गलत निर्णय भी ले सकते हैं।
कुंभ
कुंभ राशि के लिए केतु और मंगल की युति खास रहने वाली है। पढ़ाई में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही नौकरी मिल सकती है। यदि आप सरकारी नौकरी के लिए मेहनत कर रहें है तो आपको लाभ मिल सकता है। बेहतरीन करियर का निर्माण हो सकता है। व्यापार में तेजी आएगी। सुख सौभाग्य में वृद्धि होगी। मंगल आत्मविश्वास में वृद्धि करेंगे। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
अमला राजयोग
कुंडली में ग्रहों की स्थिति का अपना महत्व है। सफल जीवन के लिए ग्रह बेहद लाभदायक होते हैं। 10वां घर कुंडली का बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे करियर और पैसे का घर माना गया है। आज हम बात करेंगे एक ऐसे योग की, जिसका निर्माण दुर्लभ नहीं है और हर तीसरे इंसान की कुंडली में इस योग का निर्माण होता है। दरअसल अमला योग हर तीसरे की कुंडली में निर्मित हो सकता है। ज्योतिष आचार्य की माने तो हर तीसरे की कुंडली में चंद्रमा से या लगन से दशम भाव में कोई ना कोई शुभ ग्रह अवश्य बैठे रहता है। यदि कुंडली में बुध, शुक्र, गुरु दसवें घर में स्थित हो तो जातक को धन लाभ मिलते हैं।
कुंडली में गुरु और अमल योग
किसी ज्यादा की कुंडली में चंद्रमा से यह लगन से दसवें भाव में गुरु स्थित हो तो जातक एक अच्छे वक्ता होने के साथ ही दूरदर्शी नेता के रूप में जाने जाते हैं। प्रख्यात शिक्षक होने के साथ ही समझ में प्रसिद्ध सफलता और मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
कुंडली में शुक्र और अमल योग
किसी जाता की कुंडली में चंद्रमा से यह लगन से दसवें भाव में शुक्र विराजमान हो तो अमला योग का निर्माण करते हैं। साथ ही शुक्र के कारण जातक करियर बनाने में सफल होते हैं। जीवन में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है। साथ ही भोग विलासिता का जीवन व्यतीत करते हैं। किसी बड़े मीडिया रचनात्मक क्षेत्र में करियर का निर्माण करते हैं।
कुंडली में अमला योग होने से जातक उत्कृष्ट कार्य द्वारा समाज में मान सम्मान की प्राप्ति करते हैं। साथ ही सात्विक दानी और परोपकारी स्वभाव के होते हैं। सामाजिक कार्य को करने के लिए तत्पर रहते हैं साथ ही सुख सुविधाओं से लबरेज रहते हैं।
ऐसी स्थिति में अमला योग फलदाई नहीं
हालांकि कई ऐसी स्थिति होती है, जब अमला योग फलदाई नहीं होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी कुंडली में लग्नेश कमजोर हो या फिर छठे और आठवें भाव में हो तब अमला योग का परिणाम जातकों को नहीं मिलता है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा से दशम भाव में यदि तृतीय, षष्ठ, अष्टम और व्यय भाव आता है तो अमला योग का परिणाम जातकों को नहीं मिलता है।
(Disclaimer : यह आलेख ज्योतिषीय गणना और सामान्य जानकारी पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ (MP Breaking News) इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और नीति नियम के लिए अपने ज्योतिषाचार्य से संपर्क अवश्य करें।)