Kalashtami 2023 : कालाष्टमी व्रत भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा-अर्चना के लिए मनाया जाता है। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आयोजित किया जाता है। इसके अलावा, इस दिन काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है और भक्त व्रत रखकर उनका आदर करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक त्योहार है जो कि इस महीने 06 नवंबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस दिन ‘रवि पुष्य योग’ समेत बन रहे कई लाभकारी और अद्भुत संयोग बन रहे हैं, जिससे आपके मान-सम्मान, यश और आय में वृद्धि होगी।
शुभ मुहूर्त
बता दें कि कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 5 नवंबर को देर रात 12:59 पर शुरू होगी और 6 नवंबर को देर रात 3:18 पर खत्म होगी।
शुक्ल योग
शुक्ल योग का निर्माण 05 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 37 मिनट से लेकर 06 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक है। इस समय के दौरान भगवान कृष्ण की पूजा और आध्यात्मिक क्रियाएँ करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति हो सकती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 36 मिनट से लेकर 10 बजकर 29 मिनट तक है। इस दौरान काल भैरव देव की पूजा, ध्यान और आध्यात्मिक क्रियाएँ करके अपने आध्यात्मिक और अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास कर सकते हैं।
करण
इस बालव और कौलव योग का निर्माण हो रहा है। बालव करण का निर्माण दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक है। दोनों करण शुभ माने जाते हैं, जिसमें सभी मांगलिक कार्य हो सकते हैं।
रवि पुष्य योग
कालाष्टमी तिथि पर दुर्लभ रवि पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। यह योग आध्यात्मिक और अन्य शुभ कार्यों के लिए एक विशेष समय होता है और विशेष तरीके से दिवाली की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। वहीं, काल भैरव देव की पूजा भी आध्यात्मिक उन्नति और मनोबल के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें कि यह पूजा विशिष्ट ध्यान और श्रद्धा के साथ की जानी चाहिए।
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