Nirjala Ekadashi: हिंदू धर्म में सभी एकादशी तिथियों का विशेष महत्व होता है। लेकिन निर्जला एकादशी को इन सब में सबसे बड़ा माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यताएं हैं इस दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शुभ मुहूर्त और पारण का समय
31 मई यानी आज भद्रा, सवार्थ सिद्धि और रवि योग में निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। ज्येष्ठ शुल्क पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 मई दोपहर 1:07 बजे हो चुका है। वहीं इसका समापन आज दोपहर 1:45 बजे होगा। गुरुवार को सुबह 5:24 बजे से लेकर सुबह 8:10 बजे तक द्वादशी तिथि में पारण किया जाएगा।।
करें ये 5 उपाय
इस दिन कुछ उपायों को करने से बेहद लाभ होगा। तरक्की के द्वार खुलेंगे। धन-समृद्धि में वृद्धि होगी। अन्न का भंडार सदैव भरा रहेगा। कष्ट दूर होंगे। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- शास्त्रों के अनुसार पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। इस वृक्ष पर आज के दिन जल चढ़ाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और अन्य आर्थिक समस्याएं दूर होती है।
- भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल बेहद प्रिय होता है। इस दिन पूजा के दौरान पीले रंग का फूल जरूर अर्पित करें।
- पूजा के दौरान भगवान विष्णु को नारियल और बादाम का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यताएं हैं कि ऐसा करने से नारायण समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए निर्जला एकादशी के दिन 7 कौड़ियों को लेकर हल्दी से रंग लें और इसे माता लक्ष्मी को अर्पित करें। विधि पूर्वक पूजा करें उसके बाद इसे तिजोरी या अलमारी में रख दें। ऐसा करने से धन लाभ होता है।
- तुलसी के बिना निर्जला एकादशी की पूजा अधूरी मानी जाती है। इस दिन तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं। तुलसी की परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। माता तुलसी को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)