केमद्रुम योग भंग होकर राजयोग में होता है परिवर्तित, जानें इसके प्रभाव और उपाय

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Rajyog : ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति की कुंडली में कोई ना कोई शुभ और अशुभ योग जरूर बनता है। उन योग की वजह से व्यक्ति के जीवन पर काफी ज्यादा प्रभाव भी देखने को मिलता है। कई व्यक्ति का जीवंत धन-धान्य से भरपूर हो जाता है तो कईयों का परेशानियों से घिर जाता है। क्योंकि कुछ लोग व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल देते हैं।

वहीं ग्रहों का भी काफी ज्यादा प्रभाव जीवन में देखने को मिलता है। सभी ग्रहों में केमद्रुम योग भी शामिल है जो ना तो व्यक्ति के लिए ज्यादा ख़राब होता है और ना ही ज्यादा अच्छा। ये जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है उस व्यक्ति को जीवन के हर संघर्षों से लड़ने में मदद करता है।

साथ ही उनसे बाहर निकलने की शक्ति प्रदान करता है। केमद्रुम योग चंद्रमा द्वारा निर्मित एक योग है जो बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कुंडली में जब चंद्रमा से दूसरे और बारहवें स्थान में कोई भी ग्रह ना हो तब इस योग का निर्माण होता है। इसके अलावा अगर चंद्र के साथ कोई ग्रह ना हो या चंद्र पर किसी अन्य शुभ ग्रह की सीधी दृष्टि नहीं हो तब भी इसका निर्माण होता है।

कहा जाता है कि केमद्रुम योग भंग होकर राजयोग में परिवर्तित हो जाता है। अब ये भंग कैसे होता है उसकी बात करें तो जब कुंडली में लग्न से केंद्र स्थान में चंद्र या कोई अन्य ग्रह हो तो केमद्रुम योग भंग हो जाता है। इसके अलावा और भी कई स्थति में ये योग भंग हो जाता है। चलिए जानते हैं इसके कुछ उपाय और प्रभाव के बारे में –

केमद्रुम योग के उपाय

  • सोम पूर्णिमा अथवा सोमवार को चित्रा नक्षत्र से प्रारंभ व्यक्ति को चार वर्ष तक पूर्णमासी का व्रत रखना चाहिए।
  • सोमवार को शिव मंदिर में शिवलिंग कच्चा दूध अर्पित करना चाहिए। साथ ही माता की पूजा भी करना चाहिए।
  • योग के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए भगवान शिव की आराधना करना चाहिए।
  • रूद्राक्ष की माला से ‘ऊं नम: शिवाय” का जाप नियमित रूप से करना चाहिए।
  • दूध, दही, आइसक्रीम, चावल, पानी आदि का दान करना चाहिए।
  • चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखना चाहिए।

केमद्रुम योग के प्रभाव

ज्योतिषों के मुताबिक, केमद्रुम योग ज्यादा अनिष्टकारी नहीं होता है। इसकी हमेशा ही अशुभ प्रभाव कुंडली में नहीं देखने को मिलते हैं ये कभी कभी जातकों के लिए अच्छा भी साबित होता है। इस योग से प्रबल रूप से प्रभावित जातक परिवार से अलग हो जाता है। संघर्षों से जूझने और उनसे बाहर निकलने की क्षमता जातकों को मिलती है। हालांकि इनके पास आय की कमी रहती है। इस वजह से इन्हें खूब संघर्ष करना पड़ता है। हालांकि इस योग की वजह से कई जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के साथ उच्च स्तर का पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

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