रामनवमी के मौके पर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। देशभर में इस त्यौहार को बहुत ही खास तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष सजा की जाती है और तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है। इस साल 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है।
रामनवमी कब है इस बात को लेकर लोगों में संशय बना हुआ है। 5 और 6 अप्रैल को लेकर कंफ्यूजन है लेकिन हम आपको बता दें की अष्टमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7:26 पर खत्म होगी। इसके बाद नवमी तिथि की शुरुआत होगी। उदया तिथि 6 अप्रैल को होने की वजह से रामनवमी इसी दिन मनाई जाएगी।

रामनवमी पर बन रहा पुष्य नक्षत्र (Ramnavami 2025)
रामनवमी का दिन इस साल बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस दिन कई सारे योग एक साथ बना रहे हैं। इस दिन पुष्य नक्षत्र के संयोग में रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सुकर्मा योग और रवि पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। यह सभी योग शुभ परिणाम देने का काम करने वाले। इस दिन शिववास योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग के दौरान देवाधिदेव महादेव माता पार्वती के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस योग में अगर पूजन पाठ की जाती है तो परेशानियों का अंत होता है और सुख सुविधा प्राप्त होती है।
पूजन का मुहूर्त
रामनवमी पर अगर आप पूजन अर्चन करना चाहते हैं तो यह अवधि 2 घंटे 24 मिनट की है। सुबह 11:09 से दोपहर 1:40 तक पूजन और हवन संपन्न किया जा सकता है। रामनवमी भगवान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक भगवान का जन्म मध्यान 12:24 पर होगा। इस समय किए गए पूजन, पाठ, हवन और जप शुभ परिणाम देने का काम करेंगे।
कैसे करें पूजन
- प्रातः काल में स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
- अब आपको एक लकड़ी की चौकी पर भगवान राम की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी है।
- अब मर्यादा पुरुषोत्तम को पंचामृत से स्नान करवाएं और जल से अभिषेक करें।
- अब उन्हें वस्त्र पहनाकर चंदन का तिलक लगाएं।
- फूल माला से भगवान राम का श्रृंगार जरूर करें।
- पूजन के दौरान अक्षत, धूप, फल, फूल, नैवेद्य, गंध और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।