नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 31 अगस्त के दिन गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व है और देश भर में धूमधाम से गणेश स्थापना की जाएगी। इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत भगवान गणेश के दिन बुधवार से ही होने से यह और भी शुभ बन गया है। विधि विधान के साथ की गई गणेश जी की पूजा सुख समृद्धि कारक होगी। गणेश जी वैसे भी सभी मनोकामना को पूरी करने वाले देवता माने जाते हैं।
स्थापना करने के समय कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। इन नियमों का पालन कर आप अपनी पूजा को सफल बना सकते हैं। इससे गणेश जी भी प्रसन्न होंगे।
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स्थापना के नियम
गणपति की मूर्ति की स्थापना उत्तर पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में करना अच्छा रहता है। ध्यान रहे कि मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
जहां गणेश स्थापना कर रहे हैं वह जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए। किसी भी तरह की अशुद्ध चीज और चमड़े का सामान इस जगह के आसपास ना ले जाएं।
गणेश स्थापना करने के बाद नियमित सुबह शाम भगवान की आरती करें और भोग लगाएं।
गणेश जी को भोग लगाते समय कभी भी तुलसी ना चढ़ाएं, उन्हें हमेशा दूर्बा ही अर्पित की जाती है।
मूर्ति स्थापना के बाद उसे अपनी जगह से हिलाएं नहीं, इसे विसर्जन के समय ही हटाया जाता है।
गणेश जी की स्थापना करने के दौरान नॉनवेज और शराब जैसी वस्तुएं घर में बिल्कुल भी ना लाएं। लहसुन प्याज का सेवन भी इस समय वर्जित हो तो अच्छा है।
गणेश स्थापना के दौरान अपने मन में किसी तरह की बुरी भावना ना लेकर आएं और कोई गलत काम भी ना करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)