शुभ मुहूर्त
- चंद्रोदय: रात 09 बजकर 10 मिनट
- शुरू: प्रातः 06 बजकर 10 मिनट
- समाप्त: 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट
दरअसल, आज के दिन भगवान गणेश को दिल से बने तिलकुट का भोग लगाया जाता है लेकिन बहुत से लोग या नहीं जानते कि आखिर उन्हें तिलकुट का भोग क्यों लगाया जाता है, क्योंकि अक्सर हमने यह सुना होगा कि भगवान गणपति को लड्डू, मोदक भोग के तौर पर चढ़ाया जाता है। इसके पीछे भी महत्व है।
तिलकुट भोग का महत्व
सकट चौथ को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह की मान्यताएं हैं। व्रत कथा के अनुसार, माघ महीने में तिल का बहुत अधिक महत्व है। मकर संक्रांति के दिन तिलकुट का भोग चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इसी कारण बस इस महीने में पड़ने वाली चौथ को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और तिलकुट चढ़ाए जाते हैं, जिससे भगवान की असीम कृपा उनके परिवार पर बनी रहती है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा साधकों पर बनी रहती है।
इन नामों से जाना जाता है व्रत
- सकट चौथ
- संकष्टी चतुर्थी
- वक्रतुंडी चतुर्थी
- तिलकुटा चौथ
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)