Shiv Puran Katha : शिव पुराण हिंदू धर्म के महत्त्वपूर्ण पुराणों में से एक है जो भगवान शिव के जीवन, लीलाएं, तत्त्व, महात्म्य और भक्ति के बारे में बताता है। इस पुराण में उनके तांडव, नृत्य, विवाह, अनुग्रह और उनके महत्त्वपूर्ण भक्तों की कथाओं का वर्णन है। यह भारतीय संस्कृति में शिव भक्ति के प्रमुख स्रोतों में से एक है। शिव पुराण को संस्कृत श्लोक में लिखा गया है। इसमें भगवान शिव के गुण, रहस्य, तप और दान की महिमा का वर्णन होता है। शिव पुराण हिंदू धर्म के 18 महत्त्वपूर्ण पुराणों में से एक है।
साधकों को मिलते हैं ये लाभ
शिव पुराण में शिव जी के महाकाव्य, उनकी विविधता, तप, उनके अनुग्रह और दया के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव पुराण सुनने से साधकों के जीवन में खुशियां आती है। इसके साथ ही सारे गंभीर रोगों से परिवार वालों को मुक्ति मिल जाती है। इस कथा को सुनने से भक्तों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि आती है।
जानें इसके नियम
- शिव पुराण की कथा सुनने से पहले संकल्प लें।
- इस दौरान आप भक्ति श्रद्धा भाव से शिव पुराण की कथा को सुनें।
- संकल्प लेने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए।
- शिव पुराण की कथा सुनते समय शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
- बता दें कि इस कथा को नियमित रूप से सुनना चाहिए, जिससे आपकी आध्यात्मिक साधना में स्थिरता आए।
- कथा को सुनते समय आपको आत्मानुष्ठान का पालन करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)