Shani Jayanti 2024 : शनि देव को हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवता माना गया हैं, जिन्हें न्याय और कर्मफल के देवता के रूप में जाना जाता है। वे कर्म के आधार पर लोगों को उनके अच्छे और बुरे कर्मों का फल प्रदान करते हैं। वे नवग्रहों में से एक हैं जोकि एक राशि में सबसे धीमी गति से गोचर करते हैं। बता दें कि शनि को उनके कठोर न्याय के लिए जाना जाता है। उनका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए हर शनिवार को विधिपूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। शनि देव आमतौर पर काले कपड़े पहनते हैं। उनके हाथ में एक छड़ी होती है जो न्याय का प्रतीक मानी जाती है। शनि देव की पूजा में काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करना लाभदायक माना जाता है। माना जाता है कि शनि देव की दृष्टि बहुत प्रभावशाली होती है और उनकी टेढ़ी दृष्टि भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। वहीं, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को यानी कि आज शनि जयंती है। लोग उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना और उपाय करते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको कुछ उपाय बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से यहां…
करें ये उपाय
- शनि देव उन लोगों से बहुत प्रसन्न होते हैं जो अपने बड़े-बुजुर्गों की सेवा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। इस दिन इस कार्य को करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ कम हो सकती हैं। उनके साथ समय बिताएँ, उनकी बातें सुनें ताकि उन्हें अच्छा लगेगा।
- शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा और जरूरतमंदों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन शनि मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करने और दान-पुण्य करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, इससे जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर हो जाती है।
- शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली गाय की सेवा करें। इसके अलावा, उसे रोटी खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, यदि गाय आपके आसपास न हो तो कुत्ते को रोटी खिलाएं और पक्षियों को दाना-पानी दें। इससे शनि के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। साथ ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें। बता दें कि हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव हनुमान जी के भक्तों पर बुरी दृष्टि नहीं डालते। ऐसा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- शनि जयंती के दिन एकांत में बैठकर शनि मंत्रों का जप करें। इससे मानसिक संतुलन प्राप्त होता है और जीवन की कई समस्याओं का समाधान भी हो सकता है। मंत्र जप से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के बुरे प्रभाव भी कम हो जाते हैं। इसके लिए सूर्योदय या सूर्यास्त का समय सबसे उत्तम माना जाता है, लेकिन दिन के किसी भी समय मंत्र जप किया जा सकता है।
इन मंत्रों का करें जप
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः।”
- “नमः सूर्यपुत्राय पथसाधकाय नमः।”
- “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।”
- “ॐ कालो कालाय विद्महे। सर्वश्रेष्ठाय धीमहि। तन्नः कालः प्रचोदयात्॥”
बता दें कि इन मंत्रों का नियमित जप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन की सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)