Surya Grahan 2024: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। जब भी कोई ग्रहण लगता है तो उस घटना को खगोलीय घटनाओं में एक माना जाता है। अप्रैल में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और अब पितृमोक्ष अमावस्या से के बाद और नवरात्रि से ठीक पहले 2-3 अक्टूबर के दरम्यिान साल का दूसरा ग्रहण लगने वाला है।यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगेगा।खास बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसे रिंग और फॉयर (Ring Of Fire) कहते हैं।
हिंदू धर्म में ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है, तब सूर्य ग्रहण लगता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण के दौरान आसमामन में सूर्य एक समय आग के छल्ले जैसा प्रतीत होता है, जिसे रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाता है। इसमें सूर्य की आकृति एक चमकदार अगूंठी की तरह नजर आती है।
कब लगेगा सूर्य ग्रहण, भारत में दिखेगा या नहीं?
- पंचाग के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 -3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगेगा। ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट से होगी और समाप्ति देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर होगी, ऐसे में ग्रहण का कुल समय 6 घंटे 4 मिनट तक की होगी। यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा, क्योंकि जब ग्रहण होगा तब देश में रात रहेगी, ऐसे में सूतककाल मान्य नहीं होगा। शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर 2024 से होगा , ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का चैत्र नवरात्रि पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
- भारत को छोड़कर यह आर्कटिक, अर्जेंटीना, फिजी, चिली, पेरू, ब्राजील, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका आदि समेत कई अन्य देशों में दिखेगा। खास बात ये है कि इस सूर्य ग्रहण में रिंग ऑफ फायर का नजारा दिखेगा। रिंग ऑफ फायर तब बनता है जब चांद सूर्य को पूरी तरह से ढ़क लेता है और सूर्य की गोलाई का सिर्फ सिरा ही नजर आता है।
सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की स्थिति और राशियों पर प्रभाव
- ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक 02 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या पर लगेगा। उस समय सूर्य, बुध, चंद्रमा और केतु ये चारों ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे। इस तरह से एक राशि में चार प्रमुख ग्रहों के होने से चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा।
- इसके अलावा सूर्य ग्रहण के दिन देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि, ग्रहों के सेनापित मंगलदेव मिथुन राशि में, शुक्र तुला राशि, राहु मीन राशि और शनिदेव वक्री स्थिति में अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे।
- ग्रहों की ऐसी स्थिति, चतुग्रही संयोग और सूर्य ग्रहण क 12 राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ेगा। यह मकर, वृश्चिक, धनु, तुला, कन्या राशि के जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है।वृषभ, कुंभ और मकर पर मिलाजुला प्रभाव रहेगा। मेष, कर्क, सिंह मिथुन, मीन के जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)