धन की समस्या से हैं परेशान? मां लक्ष्मी की पूजा में करें ये छोटा सा 1 काम

Shukrawar Upay: मां लक्ष्मी की पूजा में बस एक छोटा सा काम करें, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। इस साधारण उपाय से मां लक्ष्मी की कृपा आपके जीवन में धन और समृद्धि का मार्ग खोल सकती है।

भावना चौबे
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Shukrawar Upay

Shukrawar Upay: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित होता है। आज शुक्रवार है और शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन लोग विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तरह-तरह के उपाय भी करते हैं।

माता लक्ष्मी की पूजा को शास्त्रों में अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना गया है। खास तौर पर शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि वह भी लोग शुक्रवार के दिन विधिपूर्वक दूसरों की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं उन्हें जीवन में सुख शांति समृद्धि प्राप्त होती है। इतना ही नहीं, पूजा के दौरान शुक्रवार की रात श्री लक्ष्मी नारायण स्त्रोत का पाठ करने से भी आर्थिक तंगी दूर होती है। चलिए जानते हैं कैसे करते और इस स्तोत्र का पाठ।

।। श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम्।।

चक्रं विद्या वर घट गदा दर्पणम् पद्मयुग्मं दोर्भिर्बिभ्रत्सुरुचिरतनुं मेघविद्युन्निभाभम् ।

गाढोत्कण्ठं विवशमनिशं पुण्डरीकाक्षलक्ष्म्यो-रेकीभूतं वपुरवतु वः पीतकौशेयकान्तम् ॥

शंखचक्रगदापद्मकुंभाऽऽदर्शाब्जपुस्तकम्।

बिभ्रतं मेघचपलवर्णं लक्ष्मीहरिं भजे ॥

विद्युत्प्रभाश्लिष्टघनोपमानौ शुद्धाशयेबिंबितसुप्रकाशौ।

चित्ते चिदाभौ कलयामि लक्ष्मी- नारायणौ सत्त्वगुणप्रधानौ ॥

लोकोद्भवस्थेमलयेश्वराभ्यां शोकोरुदीनस्थितिनाशकाभ्याम्।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

सम्पत्सुखानन्दविधायकाभ्यां भक्तावनाऽनारतदीक्षिताभ्याम् ।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

दृष्ट्वोपकारे गुरुतां च पञ्च-विंशावतारान् सरसं दधत्भ्याम् ।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

क्षीरांबुराश्यादिविराट्भवाभ्यां नारं सदा पालयितुं पराभ्याम् ।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

दारिद्र्यदुःखस्थितिदारकाभ्यां दयैवदूरीकृतदुर्गतिभ्याम्

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

भक्तव्रजाघौघविदारकाभ्यां स्वीयाशयोद्धूतरजस्तमोभ्याम्।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

रक्तोत्पलाभ्राभवपुर्धराभ्यां पद्मारिशंखाब्जगदाधराभ्याम्।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

अङ्घ्रिद्वयाभ्यर्चककल्पकाभ्यां मोक्षप्रदप्राक्तनदंपतीभ्याम्।

नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥

इदं तु यः पठेत् स्तोत्रं लक्ष्मीनारयणाष्टकम्।

ऐहिकामुष्मिकसुखं भुक्त्वा स लभतेऽमृतम् ॥

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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