Tulsi Ke Niyam : तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है। इसे मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है और इसे पूजनीय माना जाता है। तुलसी को श्रीराम की पत्नी तुलसी मां के रूप में भी माना जाता है। तुलसी के पौधे को घर के प्रांगण में या तीनों द्वारों में रखने की परंपरा है। यह पौधा प्राचीन समय से ही हिंदू परिवारों में पाया जाता है। इसके अलावा, तुलसी का पौधा आयुर्वेदिक दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके पत्तों का उपयोग कई रोगों में दवा के रूप में किया जाता है। तो चलिए आज हम आपको तुलसी पौधे के इन संकेतों के बारे में बताते हैं जो अशुभ होते हैं, जिन्हें अनदेखा करना भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
तुलसी के नियम
आपको बता दें कि तुलसी के कुछ नियम होते हैं, जिसका पालन करना साधकों के लिए जरूरी होता है वरना मां तुलसी रुष्ट हो जाती है। उनके साथ ही माता लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं। आइए जानते हैं उनके कुछ नियम…
- तुलसी के पत्ते को रविवार और एकादशी के दिन तोड़ना वर्जित होता है, क्योंकि इन दिनों तुलसी मां की पूजा की जाती है।
- शाम के समय में भी तुलसी के पत्ते को तोड़ने की मनाही होती है, क्योंकि इस समय तुलसी मां को अर्पण किया गया खुशी का समय माना जाता है।
तुलसी पौधे के अशुभ संकेत
- यदि आपके घर में लगाया हुआ तुलसी का पौधा अचानक से सूखने लगे जोकि बिल्कुल हरा भरा हो तो यह कोई अशुभ संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज ना करते हुए इससे होने वाली अनहोनी से आपको सावधान हो जाना चाहिए। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, पूजा में कमी रह जाने के कारण भी कई बार ऐसा होता है।
- अगर आपने घर के आंगन में तुलसी के पौधे लगाए हो और कुछ दिन बाद वह सुख कर झड़ने लगे तो फौरन सावधान हो जाइए। ज्योतिष शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि तुलसी के पौधे का सुख कर झड़ना पितृ दोष की ओर संकेत देता है। इससे बचने के लिए आपको कई सारे उपाय अपनाना चाहिए ताकि आप अपने ऊपर आने वाले संकट को दूर कर सके।
करें ये उपाए
- रविवार और एकादशी के दिन को छोड़कर बाकि सभी दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें।
- इसके अलावा, सुबह-शाम घी का दिया जलाएं।
- 5 बार इसकी परिक्रमा करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)